बलात्कार के बाद गर्भवती हुई एक नाबालिग मूकबधिर बालिका के पिता ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दाखिल कर उसके गर्भपात की इजाजत मांगी है. यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के पोरसा से सामने आया है. नाबालिग मूकबधिर बालिका 30 से 31 हफ्ते की गर्भवती है.
ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने मामले में बाल कल्याण समिति मुरैना और महिला बाल विकास अधिकारी को न्याय मित्र बनाते हुए नियमानुसार हिदायत देने के लिए कहा है. हाईकोर्ट ने कहा है कि नाबालिग और उसके परिवार वाले जन्म के बाद बच्चे को छोड़ सकते हैं. ऐसी परिस्थिति में नवजात के लिए भावी अभिभावक ढूंढना ठीक रहेगा, जो बच्चे को अपना सकें. उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने कलेक्टर मुरैना को भी इस मामले में सहयोग करने के लिए आदेशित किया है. दरअसल, नाबालिग बालिका के साथ हुए बलात्कार की जानकारी तब लगी जब उसकी तबियत बिगड़ी. बालिका की मां का देहांत हो चुका है. स्वास्थ्य खराब होने की सूचना मिलने पर बालिका की बड़ी बहन उसकी देखरेख करने घर पहुंची.
उसने नाबालिग बालिका से बात की तो उसके गर्भवती होने की बात पता चली। बड़ी बहन ने जब और पूछताछ की तो नाबालिग ने आरोपियों के नाम कागज पर लिखकर बता दिए. नाबालिग की बड़ी बहन और पिता ने पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पिता ने पाक्सो अदालत मुरैना में बालिका के गर्भपात के लिए आवेदन दिया. किन्तु पाक्सो कोर्ट से गर्भपात की इजाजत नहीं मिल सकती. इस वजह से आवेदन खारिज कर दिया गया. इस वजह से मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के ग्वालियर खंडपीठ में गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दाखिल की गई.