कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवानों में शामिल बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के घर पहुंचे हैं। खेल मंत्री ने ट्वीट कर मंगलवार रात को ही बताया था कि उन्होंने पहलवानों को बातचीत के लिए एक बार फिर से बुलाया है। बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन में शामिल विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया तीनों ने ही रेलवे की नौकरी फिर शुरू कर दी है।
इसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि पहलवान आंदोलन से पीछे हट गए हैं। लेकिन साक्षी मलिक ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि हम अब भी अड़े हुए हैं। नौकरी जिम्मेदारी है, इसलिए उसे करेंगे और आंदोलन हमारा सत्याग्रह है, जो जारी रहेगा। बता दें कि पहलवानों ने शनिवार की रात को होम मिनिस्टर अमित शाह से भी मुलाकात की थी। उस मीटिंग में क्या बात हुई थी? यह पूछा गया तो बजरंग पूनिया ने कहा था कि हमें इस बारे में कुछ भी बताने से मना किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक अमित शाह से हुई मीटिंग के दौरान खिलाड़ियों को भरोसा मिला था कि बृजभूषण शरण सिंह के परिवार का कोई मेंबर या रिश्तेदार कुश्ती महासंघ का चुनाव नहीं लड़ेगा। इसके अतिरिक्त महिला पहलवानों के लिए अलग अध्यक्ष बनेगा। यही नहीं 28 मई को आंदोलन के दौरान पहलवानों पर दर्ज हुए केसों को भी वापस लेने का भरोसा दिया गया है। हालांकि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर पेच फंसा हुआ है। पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण शरण सिंह को अरेस्ट किया जाए।
साक्षी मलिक बोलीं- बृजभूषण की गिरफ्तारी हमारी मुख्य मांग
इस बीच साक्षी मलिक ने कहा कि हम सरकार के किसी भी प्रस्ताव को पहले देखेंगे फिर फैसला लेंगे। हम आम लोगों से लेकर खाप पंचायतों तक के राजी होने पर ही आंदोलन खत्म करेंगे। साक्षी मलिक ने कहा कि हमारी मुख्य मांग है कि बृजभूषण शरण सिंह को अरेस्ट किया जाए और हम लोग अब भी इस पर कायम हैं।