प्रवासी मजदूरों से रेलवे किराया वसूली का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि भूखे-प्यासे प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए रेल किराया वसूलना भारत सरकार की कैसी नैतिकता है. विदेशों में फंसे भारतीयों को एयर इंडिया द्वारा मुफ्त में लाया गया था.
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा कि अगर रेलवे ने खर्च उठाने से इनकार कर दिया तो पीएम केअर्स के जरिए भुगतान क्यों नहीं किया? स्वामी से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मामला उठाया था. उन्होंने कहा था कि एक तरफ रेलवे मजदूरों से टिकट का भाड़ा वसूल रही है वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है.
इस पर बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा, ‘राहुल गांधी जी, गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक किसी भी स्टेशन पर जाने वालों के लिए टिकट नहीं बेचा जा रहा है.
रेलवे ने 85 फीसदी की सब्सिडी दी है और राज्य सरकारें 15 फीसदी किराया देंगी. राज्य सरकार भुगतान कर सकती है (मध्य प्रदेश बीजेपी सरकार भुगतान कर रही है). कांग्रेस सरकार भी पालन करें.’
संबित पात्रा ने आगे कहा, ‘कुछ ने टिकट पोस्ट किए हैं और स्पष्टीकरण पूछा है कि यदि टिकट नहीं बिके हैं तो क्या है? प्रत्येक श्रमिक एक्सप्रेस को गंतव्य के लिए लगभग 1200 टिकट रेलवे द्वारा राज्य सरकार को दिए जाते हैं. राज्य सरकार की ओर से टिकट की कीमत को देने के बाद टिकटें मजदूरों को दे दी जाती हैं.’
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई श्रमिक-कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा के टिकट का खर्च उठाएगी और जरूरी कदम उठाएगी.