उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल डीएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड परिसर से मानवता को शर्मसार करने की तस्वीर सामने आई है। जहां इमरजेंसी वार्ड में एक शव पड़ा रहा और उसके अगल बगल में मरीजों का इलाज भी चलता रहा, लेकिन वहां मौजूद किसी भी कर्मी ने उस शव को वहां से नहीं हटाया। इतना ही नहीं इमरजेंसी वार्ड के कर्मचारियों ने एक लावारिस मरीज को धूप सेंकाने के लिए वार्ड के बाहर ही सड़क पर लिटा दिया।
दरअसल, पटना जिले के मोकामा थाना क्षेत्र के संतोष साह (55) को डीएमसीएच इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। जिनकी सीसीडब्ल्यू वार्ड में इलाज के दौरान सुबह मौत हो गई। मरीज की मौत के 10 घंटे बाद भी शव को वहां से नहीं हटाया गया। शव के बगल में ही अन्य मरीजों का इलाज चलता रहा। भयभीत होकर कई परिजन अपने मरीज को लेकर दूसरी जगहों पर चले गये।
लोगों ने क्या बताया
बता दें कि सीसीडब्ल्यू में इलाजरत मरीज के परिजन सुपौल जिले के प्रतापगंज निवासी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि करीब नौ से दस घंटे से शव वार्ड में पड़ा हुआ है, लेकिन फिर भी कोई इसे हटाने नहीं आया है। इधर, वार्ड के बाहर सड़क पर पड़े एक लावारिस मरीज के बारे में बताया गया कि उक्त मरीज का इलाज भी सीसीडब्ल्यू के वार्ड में चल रहा था। उसे ठंड से कांपते देख कर्मियों ने कंबल ओढ़ाने के बदले धूप सेंकने के लिए बाहर जमीन पर लिटा दिया। पूछने पर एक कर्मी ने बताया कि जब धूप समाप्त हो जाएगी तब उसे वापस बेड पर लिटा देंगे। जब शव के बारे में पूछा गया तो बताया गया कि उक्त मरीज के परिजन पटना से आ रहे हैं, उसके बाद उन्हें शव सौंपा जाएगा।
कई बार शव हटाने की गुहार लगाई
सीसीडब्लू वार्ड में मरीज का इलाज करा रही मंजू देवी ने कहा कि कर्मचारियों को कई बार शव हटाने की गुहार लगाई है, लेकिन हर बार तैनात कर्मी यह कहता रहा कि हम क्या करें, जो करेगी वह थाना पुलिस ही करेगी। इधर शाम में जब बेंता ओपी के जवानों को शव की खबर लगी तो उन्होंने शव को पोस्टमार्टम विभाग में भेज दिया। इस संबंध में बेंता थानाध्यक्ष ने बताया कि देर शाम किसी ने फोन पर सूचना दी थी। मौके पर पुलिस को भेजकर शव को डीएमसीएच के पोस्टमार्टम विभाग भेज दिया है।