बिहार के औरंगाबाद में दो गुटों के बीच हुई हिंसा के बाद बिहार की सियासत उफान पर है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार औरंगाबाद में राम नवमी के मौके पर हुई हिंसक झड़प के बाद प्रशासन ने इलाके में कर्फ्यू लगा दिया है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में पुलिस बलों को तैनात किया गया है। दो गुटों के बीच हुई हिंसा में दोनों तरफ से पत्थर फेंकने के साथ ही आगजनी की गई थी। जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। वहीं करीब एक दर्जन दुकानें भी इस हिंसा का शिकार हुई थीं।
औरंगाबाद के जिला मजिस्ट्रेट राहुल रंजन माहीवाल का कहना है कि हमने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का निर्देश लागू कर दिया है। शहर में इस समय तनाव का माहौल है लेकिन परिस्थिति हमारे नियंत्रण में है। विपक्ष जहां सत्ताधारी पार्टी पर लगातार हमला बोल रही है वहीं जेडीयू इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साधे हुए है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि परिस्थिति पर उसका पूरा नियंत्रण है। हमने 150 लोगों को गिरफ्तार किया है और दूसरे लोगों की पहचान कर ली गई है। पुलिस ने औरंगाबाद में धारा 144 लागू कर दी है।
बता दें कि एक हफ्ते पहले भागलपुर हिंसा मामले के आरोपी केन्द्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बेटे अरिजीत शाश्वत की गिरफ्तारी को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लगातार नीतीश सरकार पर दबाव बना रहे हैं। शाश्वत के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा उनकी गिफ्तारी नहीं हुई है। तेजस्वी ने ट्वीट कर नीतीश से अनुमति मांगी है। उनका कहना है कि वह चार सिपाहियों के साथ केंद्रीय मंत्री के दंगा आरोपित फरार बेटे को पकड़ने के लिए प्रशासनिक अनुमति चाहते हैं।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्निवी चौबे ने कहा था कि जब मेरे बेटे ने कुछ गलत नहीं किया तो वह सरेंडर क्यों करे। मंत्री ने एफआईआर को कागज का टुकड़ा बताते हुए कहा कि यह कुछ भ्रष्ट अफसरों द्वारा दर्ज कराई गई है। भारत माता की जय कहना, वंदे मातरम कहना अगर देश के अंदर अपराध है तो हां वह अपराधी हो सकता है। वहीं आरोपी अरिजीत का कहना है कि मैं न्यायालय की शरण में हूं। भागते वो हैं, खोजना उनको पड़ता है जो कहीं गायब हो गए हों, मैं समाज के बीच में हूं।