बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सात निश्चय योजना के तहत बिहार के युवाओं को क्रेडिट कार्ड देकर उनके भविष्य को संवारने की पहल की। इससे अब तक लाखों विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके हैं। 15 अगस्त को उन्होंने बिहार के सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की मुख्य परीक्षाओं में लगने वाली मोटी फीस को ही माफ़ नहीं किया बल्कि पीटी के लिए मात्र सौ रुपये निर्धारित कर दिए। उनके इस घोषणा से बिहार के गरीब से गरीब युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलने लगा है। इसको लेकर अब उन्होंने एक बार फिर एक नयी घोषणा की है, जिसके तहत स्नातक पास बेरोजगार युवाओं के लिए एक हजार रुपए भत्ता देने की घोषणा की है। इस बात की जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए दी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि, “नवम्बर 2005 में नई सरकार बनने के बाद से ही अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देना तथा उन्हें सशक्त और सक्षम बनाना हमलोगों की प्राथमिकता रही है। आप अवगत हैं कि अगले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आने वाले समय में सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नौकरी एवं रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इस निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे नौकरी/रोजगार प्राप्त कर सकें।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे लिखा है कि “मुझे यह बताते हुए बहुत ही अधिक प्रसन्नता हो रही है कि राज्य सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम अन्तर्गत पूर्व से संचालित मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का विस्तार किया गया है। इसके अन्तर्गत इंटर उत्तीर्ण युवक/युवतियों को पहले से दी जा रही स्वयं सहायता भत्ता योजना का लाभ अब कला, विज्ञान एवं वाणिज्य उत्तीर्ण स्नातक बेरोजगार युवक/युवतियों को भी दिए जाने का निर्णय लिया गया है। 20-25 आयु वर्ग के वैसे स्नातक उत्तीर्ण युवक/युवतियां जो कहीं अध्ययनरत नहीं हैं तथा नौकरी/रोजगार हेतु प्रयास कर रहे हैं, उनका कोई स्वरोजगार नहीं है अथवा सरकारी, निजी, गैर सरकारी नियोजन नहीं है, को भी 1000 रूपए प्रतिमाह की दर से अधिकतम दो वर्षों तक मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता का भुगतान किया जाएगा।