कोलकाता की जिस प्रिंटिंग प्रेस (ब्लेसिंग सेक्योर प्रा.लि.) ने सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर छापा था, उस पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई एलडी ग्रेड की 2018 की परीक्षा का पेपर लीक करने का आरोप है।
बिहार पुलिस सिपाही भर्ती पेपर लीक केस का कनेक्शन उत्तर प्रदेश (यूपी) से जुड़ा हुआ है। कोलकाता की जिस प्रिंटिंग प्रेस (ब्लेसिंग सेक्योर प्रा.लि.) ने सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर छापा था, उस पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई एलडी ग्रेड की 2018 की परीक्षा का पेपर लीक करने का आरोप है। इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर कौशिक कुमार धर को गिरफ्तार किया था गया था। यह गिरफ्तारी यूपी पुलिस ने की थी। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच में यह खुलासे हुए हैं। इस मामले में ईओयू ने जांच शुरू कर दी है।
ऐसे समझिए पूरी कहानी
दरअसल, ब्लेसिंग सेक्योर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर कौशिक कुमार धर हैं। इनकी पत्नी का नाम तन्विशा धर है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई एलडी ग्रेड की 2018 की परीक्षा का पेपर छापने का ठेका कालटेक्स मल्टीवेंचर प्राइवेट लिमिटेड को मिला था। तन्विशा इस कंपनी की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल थीं। कालटेक्स मल्टीवेंचर प्राइवेट लिमिटेड ने ब्लेसिंग सेक्योर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ एमओयू साइन किया था। इसमें कहा गया था कि सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर छपाई का काम कोलकाता में ही होगा।
तत्कालीन अध्यक्ष खुद कोलकाता गए
ईओयू की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जिस प्रिंटिंग प्रेस ने परीक्षा का पेपर छापा था, उस कंपनी के साथ एमओयू साइन करने के लिए खुद केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल खुद कोलकाता गए थे। आर्थिक अपराध इकाई की जांच में और भी कई खुलासे हुए। टीम को जांच के दौरान तत्कालीन अध्यक्ष एसके सिंघल का लोकेशन तीन बार कोलकाता का मिला है। हालांकि, अब तक ईओयू ने उनसे पूछताछ नहीं की है। बता दें कि एक अक्टूबर 2023 को सिपाही बहाली का प्रश्नपत्र लीक हुआ था। इसके बाद तीन अक्टूबर को ईओयू की जांच के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी।