केंद्रीय सिपाही चयन पर्षद को आखिरकार मानना पड़ा कि उसकी सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर आउट हुआ था। पर्षद ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा कर दी है। लीक पेपर वाली परीक्षा ही रद्द नहीं की गई है, बल्कि आगे के लिए तय कार्यक्रम भी बदला गया है।
केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) को आखिरकार मानना पड़ा कि उसकी सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर आउट हुआ था। ‘अमर उजाला’ ने बताया था कि परीक्षा हॉल में प्रश्न हल कर रहे छह परीक्षार्थियों में से पांच के पास मिले आंसर-की में लिखे उत्तरों से प्रश्न मैच कर रहे थे। अब पर्षद (CSBC) ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा कर दी है। लीक पेपर वाली परीक्षा ही रद्द नहीं की गई है, बल्कि आगे के लिए तय कार्यक्रम भी बदला गया है।
उत्तर तैयार होकर पहुंचे थे परीक्षा हॉल में, देर से माना
केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने बिहार पुलिस एवं अन्य इकाइयों में सिपाही के पद पर चयन के लिए विज्ञापन संख्या 01/ 2023 के तहत दो पालियों में पहले दिन एक अक्टूबर को परीक्षा ली थी। दोनों पालियों की परीक्षा में काफी संख्या में नकल करते हुए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एवं चिटपुर्जों के साथ राज्य के विभिन्न जिलों में अभ्यर्थी गिरफ्तार हुए थे। देखा गया था कि कई परीक्षार्थी विभिन्न केंद्रों में आंसर-की, मतलब बने-बनाए उत्तर लेकर आए थे। पटना के रामकृष्ण द्वारका कॉलेज में भी परीक्षा हॉल के अंदर ऐसे आंसर-की मिले और जब उनका मिलान किया गया तो वह पूछे गए प्रश्नों से मेल खा रहे थे। रविवार रात तक केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने इन मामलों की पुष्टि नहीं की थी। ‘अमर उजाला’ ने डिजिटल मीडिया में और यह खूब वायरल हुआ। इसके बाद सोमवार को दोपहर बाद इस मामले में पार्षद को विभिन्न स्रोतों से कई पुख्ता सबूत मिले, जिसके बाद परिषद ने माना कि प्रश्नों के उत्तर बनकर हॉल तक पहुंचे थे। पर्षद ने यह नहीं माना कि उसके प्रश्न आउट हुए थे, लेकिन दूसरी तरह से उसने स्वीकार कर लिया है कि पूछे गए प्रश्नों के ही उत्तर हॉल में पहुंचे थे।