कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में चुनाव का आयोजन किसी चुनौती से कम नहीं है। कठिन परिस्थितियों के बीच बिहार में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, वहीं एक लोकसभा सीट समेत 56 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं। ऐसे में चुनाव आयोग ने बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए डाक से मतदान (पोस्टल बैलट) की व्यवस्था की है। भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि बिहार विधानसभा चुनाव में बुजुर्गों और दिव्यांगों को मददान के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा प्रदान की जाएगी।
चुनाव आयोग ने 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और दिव्यांगों के लिए पोस्टल बैलट (डाक से मतदान) की प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पोस्टल बैलट सेवा को चुनने के लिए जरूरी फॉर्म को ऐसे सभी मतदाताओं के आवास पर पहुंचाया जाएगा जिनकी आयु 80 वर्ष से अधिक होगी और जो दिव्यांग होंगे। बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) अपने पोलिंग स्टेशन के तहत आने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों के आवास पर यह फॉर्म पहुंचाएंगे।
इस संबंध में चुनाव आयोग की ओर से सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को तीन अक्तूबर को एक पत्र लिखा गया था। इस पत्र में कहा गया था, ‘अगर मतदाता पोस्टल बैलट का चयन करते हैं तो बीएलओ अधिसूचना जारी होने के पांच दिन के भीतर मतदाता के आवास से भरा गया फॉर्म 12-डी प्राप्त करेगा और रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा करवाएगा।’
निर्देशों के अनुसार, रिटर्निंग अधिकारी पोलिंग टीमों को तैनात करेगा, जो पूर्व सूचित तारीखों पर पोस्टल बैलट को वितरित और एकत्र करेंगी और उसके बाद इसे रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा करेंगी। आयोग ने कहा है कि ये दिशा-निर्देश 56 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव समेत सभी चुनावों और उपचुनावों में लागू होंगे। बता दें कि बिहार में तीन स्तरीय विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। पहले चरण का मतदान 28 अक्तूबर, दूसरे चरण का मतदान तीन नवंबर और तीसरे चरण का मतदान सात नवंबर को होगा।