बिहार में हड़ताल कर रहे पीडीएस यानी राशन डीलरों पर नीतीश सरकार सख्त हो गई है। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने राशन नहीं बांटने वाले जनवितरण प्रणाली दुकानदारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सभी जिलाधिकारियों को हड़ताल कर रहे पीडीएस डीलरों का लाइसेंस निरस्त करने के लिए कहा गया है। ऐसे में राशन दुकानदारों के बीच हड़कंप मच गया है। बता दें कि मार्जिन मनी और मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर पीडीएस डीलर 1 जनवरी से हड़ताल पर हैं।

खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने गुरुवार को जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि जो पीडीएस दुकानदार राशन का वितरण नहीं कर रहा है, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करें। राशन नहीं बांटने वालों के लाइसेंस निरस्त किए जाएं।
बता दें कि बिहार के फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर राशन दुकानदार 1 जनवरी को हड़ताल पर चले गए थे। 8 सूत्री मांगों को लेकर दुकानदार राशन का वितरण नहीं कर रहे हैं। इस वजह से लाभुकों को राशन लेने में दिक्कत हो रही है। यह हड़ताल 9 जनवरी तक जारी रहेगी। अब सरकार ने हड़ताल कर रहे राशन डीलरों पर कार्रवाई की बात कह दी है।
राशन डीलरों की क्या हैं मांगें?
बिहार में हड़ताल कर रहे पीडीएस डीलरों का कहना है कि नीतीश सरकार 30 हजार मानदेय के अलावा बकाया मार्जिन मनी का भुगतान जल्द करे। दिसंबर में लगाई गई चालान राशि को वापस किया जाए। साथ ही कई अन्य मांगें भी हैं।
राशन डीलरों का कहना है कि सरकार राशन वितरण की एवज में उन्हें जो कमीशन देती है वो बहुत कम है। इससे उनका घर-परिवार नहीं चलता है। इसलिए उन्हें मासिक 30 हजार रुपये का वेतन दिया जाए, ताकि उन्हें आजीविका चलाने में परेशानी न हो।
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