नई दिल्ली। बिहार में राजग सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर चल रही अटकलों पर पांच अगस्त तक शुरुआती फैसला हो सकता है। माना जा रहा है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से तब तक एक फार्मूला नीतीश कुमार को पेश कर दिया जाएगा। उसी के आधार पर आगे की बातचीत होगी।
जद यू के राजग में आने के साथ ही बहस का सबसे बड़ा मुद्दा यही था कि लोकसभा चुनाव के लिए क्या राजग में सभी सहयोगियों के बीच सामंजस्य बन पाएगा। खास कर तब जबकि बिहार की 40 में अकेले भाजपा ही 22 सीटों पर काबिज है। लोजपा के 6 सदस्य है और रालोसपा ने 3 सीट जीती थी। ऐसे में उस जद यू के लिए ज्यादा सीटें नहीं बचती है जो 2009 में 25 सीटों पर लड़ी थी और भाजपा को 15 से ही संतोष करना पड़ा था।
बताते हैं कि एक पखवाड़े पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ बैठक में नीतीश ने जद यू की चिंता और कार्यकर्ताओं के मनोबल का इजहार करते हुए शाह से ही फार्मूला निकालने का आग्रह किया था। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने अगस्त के पहले सप्ताह में फार्मूला देने का वादा किये था। एक दूसर सूत्र के अनुसार 5 अगस्त की बात हुई थी।
बताते हैं कि जद यू की ओर से यह तर्क रखा गया कि बिहार में नीतीश ने अगर राजद और लालू प्रसाद की मनमानी से मुक्ति पाई है तो भाजपा भी एक झटके में सरकार में आ गयी। बिहार में एक चेहरा भी मिला है। ऐसे में 2014 को सीट बंटवारे का आधार नहीं बनाना चाहिए क्योंकि उसके बाद 2015 का चुनाव हो चुका है।परोक्ष रूप से भाजपा को यह भी बताया गया है कि ऐसी कई सीटें हैं जो पारंपरिक रूप से जद यू ही लड़ता और जीतता रहा है। भविष्य में भी दोनो दलों को साथ चलना है इसीलिए एक दूसरे का सम्मान रखना होगा। वहीं भाजपा का मानना है कि लोकसभा 2014 के फार्मूले पर होना चाहिए और विधानसभा 2015 के फार्मूले पर। अब नज़रें 5 अगस्त की डेडलाइन पर है।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal