एक ओर जहां केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन को विपक्ष हवा दे रहा है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) किसान आंदोलन की आग को शांत करने के लिए ‘किसान चौपाल’ लगा रही है. भाजपा अपने किसान चौपाल के जरिए किसानों को कृषि कानूनों से मिलने वाले लाभों से अवगत करा रही है.

इस अभियान में भाजपा ने ना केवल बिहार के मंत्रियों और सासंदों को उतारा है, बल्कि बिहार में केंद्रीय मंत्री भी ‘किसान चौपाल’ लगाकर कृषि कानूनों के विषय में किसानों को समझा रहे हैं. BJP के एक नेता ने बताया कि सांसदों और विधायकों समेत मतदान केंद्र स्तर (Polling Station Level) पर कार्यकताओं को भी इसके लिए विशेष टास्क सौंपे गए हैं.
बिहार भाजपा सोशल मीडिया (Bihar BJP Social Media) के प्रमुख मनन कृष्ण ने बताया कि अब तक राज्य में करीब 59 से 60 किसान चौपाल का आयोजन किया गया है. इसके तहत रविवार को ही राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, सांसद रामपाल यादव सहित राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल अलग-अलग सभाओं में कृषि कानूनों के बारे में जनता को अवगत कराया.
BJP प्रवक्ता मनोज शर्मा ने बताया, “कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष किसानों को गुमराह कर रही है. इन कानूनों के बारे में को समझाने के लिए पार्टी बड़े स्तर पर अभियान चला रही है. राज्य के जिला मुख्यालय समेत अन्य स्थानों पर किसान चौपाल लगाए जा रहे हैं, जहां कृषि कानूनों की बारीकियों और उससे किसानों को मिलने वाले लाभ की उन्हें जानकारी दी जा रही है.”
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के टॉप नेताओं के निर्देश पर भाजपा के वरिष्ठ नेता से लेकर मतदान केंद्र स्तर के कार्यकर्ता जनता को इन कानूनों के बारे में समझा रहे हैं. बता दें कि कृषि कानून को लेकर बिहार में विपक्षी दल आंदोलनात्मक रूख अपनाए हुए हैं. बिहार में विपक्षी दल अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस बीच, हालांकि बिहार के अंदर किसान सड़कों पर नहीं उतरे हैं.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और BJP के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में किसान NDA के साथ हैं. मोदी ने कहा कि ‘2006 में बिहार की पहली NDA सरकार ने सालाना 70 करोड़ के राजस्व का नुकसान उठाकर बाजार समिति अधिनियम (Market Committee Act) समाप्त किया और लाखों किसानों को 1 फीसद बाजार समिति कर से मुक्ति दिलाई थी. कांग्रेस ने 2019 के घोषणापत्र में मंडी-बाजार समिति व्यवस्था खत्म करने का वादा किया था.’ मोदी ने कहा कि जो मंडी व्यवस्था बिहार में 14 साल पहले खत्म हो गई और जिसे कांग्रेस 2019 में खत्म करना चाहती थी, वह काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी कानून के जरिये कर दिया, तो कांग्रेस परेशान क्यों हैं?
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