मामले को लेकर कोटवा थाने में बस चालक और उप-चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। थानाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि चालक और उप-चालक पर एफआईआर दर्ज करके घर का पता किया जा रहा है। पटना एनडीआरएफ टीम के अधिकारी ने बताया कि जांच में बस हादसे में किसी भी व्यक्ति के जिंदा जलने के सबूत नहीं मिले हैं।
इस मामले में मोतीहारी के डीएम रमण कुमार का कहना है कि बस में कुल 13 लोग थे, जो ठीक-ठाक हैं। आठ लोगों की पहचान गुरुवार को ही हो गई थी। जबकि पांच लोगों से हमारे अधिकारियों ने बात की है। चार लोगों से मैंने खुद बात की है। यह पांच लोग बस दुर्घटना के तुरंत बाद बाहर आ गए थे। एनडीआरएफ की टीम ने भी कहा है कि बस में किसी के जलने के साक्ष्य नहीं मिले हैं।
शुक्रवार को मुजफ्फरपुर में डीएम की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में मुजफ्फरपुर डीटीओ नजीर अहमद ने रिपोर्ट दी कि बस में बैरिया बस स्टैंड से 11 यात्री सवार थे। इसके अलावा दो चालक और एक खलासी भी मौजूद था। इसके बाद मोतीपुर में दो यात्री चढ़े थे। डीटीओ ने बताया कि बस 48 सीटर थी। उसका रजिस्ट्रेशन इटावा से चिराग ट्रेवल्स कंपनी के नाम से हुआ था। इसका फिटनेस सर्टिफिकेट 8 जनवरी 2019 तक वैध है। सीवान के अभिषेक पांडेय एक साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर लेकर इसे चला रहा था।
हादसे को लेकर पटना एनडीआरएफ टीम के अधिकारी कृष्णापद बराई ने बताया कि हमने जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस बस हादसे में किसी भी व्यक्ति के जिंदा जलने के सबूत नहीं मिले हैं। जिससे साफ होता है कि हादसे में सभी आदमी निकल चुके हैं।
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