आरक्षण के विरोध में सवर्णो के द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान सबसे ज्यादा हिंसा बिहार में देखने को मिली है. खास बात यह है कि बिहार में हिंसा उस वक्त हो रही है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमाम केंद्रीय मंत्री एक कार्यक्रम के सिलसिले में पश्चिमी चंपारण में हैं. हिंसा को रोकने में राज्य सरकार क्यों नाकाम रही इस बारे में पूछे जाने पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा- प्रधानमंत्री के राज्य में होने की वजह से बिहार पुलिस प्रधानमंत्री की सुरक्षा इंतजाम में लगी है. इसीलिए दूसरी जगह पर हो सकता है चूक हो गई हो.
उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई चूक हो जाती तो इसको लेकर भी सवाल उठते. मंगलवार के भारत बंद को संविधान विरोधी बताते हुए केसी त्यागी ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि तमाम पार्टियां और संगठन इस बंद के खिलाफ चुप्पी साधे हुए हैं. जबकि उन्हें इसका खुलकर विरोध करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि दलितों का भारत बंद दलित एक्ट में बदलाव के खिलाफ था लेकिन सवर्णों द्वारा बुलाया गया बंद सिर्फ बदले की कार्रवाई है. यह पूरी तरह से गलत है. केसी त्यागी ने कहा कि सोशल मीडिया का जिस तरह से यह असर हुआ है वह हैरान करने वाला है.
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी जरूर है. लेकिन जब पूरी की पूरी व्यवस्था जाति के आधार पर बटी हो तब राज्य सरकार भी लाचार हो जाती है. समाज में जाति के आधार पर जो विभाजन और टकराव देखने को मिल रहा है उसका दोष किसी एक सरकार को नहीं दिया जा सकता. क्योंकि यह लंबे समय से चली आ रही बुराई है. गौरतलब है कि आरक्षण के विरोध में आज भारत बंद का आह्वान किया गया था और देश के कई राज्यों में बंद का असर देखा जा रहा है. बिहार और मध्यप्रदेश में बंद के दौरान हिंसा की ख़बरें है.