लोकसभा चुनाव के दौरान दल विरोधी गतिविधियों के आरोप में लोजपा से निष्कासित डॉक्टर सत्यानंद शर्मा ने गुरुवार को नए मोर्चे के गठन का ऐलान कर दिया। यह मोर्चा लोजपा (सेक्यूलर) के नाम से काम करेगा। डॉक्टर सत्यानंद ने मीडिया के समक्ष नए मोर्चे की घोषणा की और यह कहा कि लोजपा में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि परिवार की पार्टी बन कर रह गई है लोजपा। पार्टी में भ्रष्टाचार चरम पर है। इस वजह से पार्टी पदाधिकारियों के साथ उन्होंने नया मोर्चा बना लिया। लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद पशुपति कुमार पारस ने इस नए मोर्चे के गठन पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे डॉक्टर सत्यानंद को जमुई में लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद ग्यारह अप्रैल को लोजपा से निष्कासित कर दिया गया था।
पार्टी की ओर से अखलाक अहमद ने लिखित रूप से उन्हें इस आशय का पत्र भेज दिया था। इसी तरह पार्टी के अन्य पदाधिकारी विष्णु पासवान व अन्य पदाधिकारियों को उनके स्तर से दल विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से निकाल दिया गया था। विधानसभा चुनाव में लोजपा ने डॉ सत्यानंद को दीघा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया थे। यह चुनाव भी वह हार गए थे। इस सीट से भाजपा के संजीव चौरसिया विधायक हैैं। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में यहां से भी उनका स्कोप नहीं था।
पूर्व सांसद रामा सिंह तो खुलेआम पार्टी के खिलाफ काम करते रहे हैैं। जमुई व हाजीपुर लोकसभा चुनाव में उनकी लोजपा प्रत्याशी के खिलाफ सक्रियता बड़े स्तर पर थी। खुद लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान इस बारे में सार्वजनिक रूप से बोल चुके हैैं। रामा सिंह तो पिछले एक वर्ष से पार्टी से अलग हैैं। सत्यानंद शर्मा को लोजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में नालंदा लोकसभा से चुनाव लड़ाया था और बहुत कम मतों के अंतर से वह चुनाव हारे थे। इस बार एनडीए में वह सीट जदयू को चली गई थी। इस पर सत्यानंद शर्मा खफा चल रहे थे और एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ सक्रिय थे।