पंचायत चुनाव में इस बार प्रत्याशियों को कई तरह के नियम-कानून से बंधकर चलना होगा। नियमों के पालन में चूक अथवा अनदेखी प्रत्याशियों को भारी पड़ सकती है। आयोग के निर्देश के उल्लंघन पर प्राथमिकी तक दर्ज हो सकती है। प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। प्रत्येक पद के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं।

वाहनों का काफिला लेकर चलने की मंशा रखने वाले चेत जाएं। किसी भी पद के उम्मीदवारों को अपने प्रचार-प्रसार और जनसंपर्क के लिए गिने-चुने वाहन का इस्तेमाल करने की ही इजाजत होगी। जिला परिषद सदस्य प्रत्याशी को दो हल्के मोटर या दो दोपहिया वाहन से प्रचार करने की अनुमति दी जा सकती है।
वहीं मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं सरपंच को चालक सहित एक यांत्रिक दोपहिया वाहन सिर्फ अभ्यर्थी अथवा उनके निर्वाचन अभिकर्ता के लिए मंजूरी मिल सकेगी। ग्राम पंचायत सदस्य एवं पंच प्रत्याशी या उनके निर्वाचन अभिकर्ता चुनाव प्रचार में किसी तरह के वाहन का उपयोग नहीं कर सकते हैं।
आयोग द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अभ्यर्थी या निर्वाचन अभिकर्ता में से किसी एक को ही वाहन का परमिट दिया जायेगा। बिना परमिट के वाहन का परिचालन किये जाने पर उसे तुरंत जब्त कर लिया जायेगा और प्रत्याशी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करायी जाएगी।सादे कागज पर अंकित होंगी मतदाता पहचान पर्चियां
आयोग द्वारा यह निर्देश जारी किया गया है कि मतदाताओं को दी जाने वाली पहचान पर्चियां सादे कागज पर अंकित होनी चाहिए। उम्मीदवार का नाम या चुनाव चिह्न बिल्कुल भी अंकित नहीं होना चाहिए। सामान्यत: डमी पेपर का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें सब मूल प्रपत्र सरीखा होता है लेकिन इस पर भी पाबंदी रहेगी। आयोग ने इसे मतदान को प्रभावित करने की श्रेणी में माना है और इसीलिए इसे प्रतिबंधित कर दिया।
नामांकन में नहीं चलेगा हो-हल्ला
नामांकन में लाव-लश्कर लेकर आने की मंशा बनाकर रखे प्रत्याशियों को भी चेत जाने की जरूरत है। नामांकन में आने पर कोई लाव-लश्कर नहीं रहेगा जबकि हो-हल्ला और जिंदाबाद आदि के नारे भी नहीं लगाए जा सकेंगे। निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय से 100 मीटर पहले ही प्रत्याशी के वाहन रुक जाएंगे जबकि नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के लिए निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय के 100 मीटर की परिधि में किसी भी वाहन का प्रवेश पूरी तरह वर्जित रहेगा।
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