भूतों को पकड़ने और भगाने के लिए भारी संख्या में भगत और ओझा (तांत्रिक) भी इस मेले में पहुंचते हैं। जहां पर भगत और ओझा की दुकान पूरी रात चलती है। तांत्रिक रात भर चलने वाले इस अनुष्ठान के दौरान भूत से परेशान लोगों को निजात दिलाते दिखते हैं।
हमारा देश आज चांद पर चला गया लेकिन अभी भी अंधविश्वास की तरफ लोगों का काफी झुकाव है। कई इलाकों में आज भी अंधविश्वास, साइंस पर भारी पड़ता साफ नजर आ जाता है। इसका जीता जागता उदाहरण कार्तिक पूर्णिमा की रात हाजीपुर के कौनहाराघाट घाट में देखने को मिला। यहां भूत भगाने का खेल पूरी रात कौनहाराघाट घाट पर चलता रहा। चौंकाने वाली तो यह है कि इस मेले को लेकर वैशाली जिला प्रशासन भी लगभग एक महीना से इस भूत के मेले के आयोजन के लिए लगातार मेहनत करती नजर आती है।
विधि व्यवस्था में कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए पुलिसकर्मी हमेशा अलर्ट मोड पर रहते हैं। वैशाली एसपी हरकिशोर राय ने बताया कि 10 दिनों से कार्तिक पूर्णिमा को लेकर तैयारी चल रहा है जिसमें ट्रैफिक व्यवस्था के लिए भी आदेश दिए गए हैं। वहीं 1000 कांस्टेबल की भी तैनाती की गई है तो 400 पर अधिकारी को भी तैनात किया गया है। सीसीटीवी कैमरा ड्रोन कैमरा से नजर रखा जा रहा है। व्यापक तैयारी की गई थी। भारी संख्या में लोग गंगा स्नान कर रहे हैं।
ओझाओं के दावे भी आपको अजूबे लगेंगे
मेले में आए लोगों ने कहा कि भूतों को पकड़ने और भगाने के लिए भारी संख्या में भगत और ओझा (तांत्रिक) भी इस मेले में पहुंचते हैं। जहां पर भगत और ओझा की दुकान पूरी रात चलती है। तांत्रिक रात भर चलने वाले इस अनुष्ठान के दौरान भूत से परेशान लोगों को निजात दिलाते दिखते हैं। भूतों को पकड़ने और भगाने का दावा करने वाले ओझा भी इस मेले में बड़ी संख्या में आकर अपनी मंडली लगाते हैं। जगह-जगह ओझाओं की मंडली सजी होती है।
जो अलग-अलग अनुष्ठान कर रहे होते हैं। भूत भगाने का तस्वीर देखने को मिलती है। यहां अजीबोगरीब दृश्य दिखता है। कहीं तो भूत भगाने के लिए महिलाओं को बालों से खींचा जाता है। तो कहीं छड़ी यानी स्थानीय भाषा में जिसे बेत कहते हैं। उनसे पिटाई भी की जाती है। भूतों के इस अजूबे मेले में आए ओझाओं के दावे भी आपको अजूबे लगेंगे। सबसे मजेदार बात ये होती है कि भूतों की भाषा सिर्फ ओझा (तांत्रिक) और भगत समझते हैं।
भूत भगाने के नाम पर गंगा स्नान
अजीब बात यह है की भूत की भाषा पूर्णिमा की रात पहुंचे भगत और ओझा ही समझ पाते हैं। कहानी भूत भगाने के नाम पर महिलाओं को बाल से पकड़कर गंगा स्नान कराया जाता है। इतना ही नहीं बेंत से महिलाओं को पीट-पीटकर भूत को भगाया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर पूरे बिहार से हाजीपुर के कौनहारा घाट पर गंगा स्नान करने भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
गज की भगवान विष्णु ने जान बचाई थी
बता दें कि हाजीपुर के कोनहारा घाट ऐतिहासिक घाट है। इस घाट पर स्वयं भगवान विष्णु ने अवतार लिया था। इस घाट पर गज और ग्राह की लड़ाई हुई थी। इसमें ग्राहक गज को पानी में खींचकर डुबो रहा था, तब गज भगवान विष्णु को याद किया और प्रार्थना किया तो भगवान विष्णु गज की रक्षा करने के लिए हाजीपुर के घाट पर अवतार लिए और गज और ग्राह की लड़ाई को खत्म कर और गज की भगवान विष्णु ने जान बचाई थी।
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