राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में करीब एक लाख पदों पर शिक्षकों के नियोजन के लिए आवेदन 18 सितम्बर से लिए जायेंगे। सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से पांच (प्राथमिक) अथवा कक्षा छह से आठ (मध्य विद्यालय) में शिक्षक बनने की चाह रखने वाले अभ्यर्थी 17 अक्तूबर तक आवेदन जमा कर सकते हैं।
नियोजन के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक मेधा सूची की तैयारी 18 अक्तूबर से 4 नवम्बर तक, और इसका नियोजन समिति द्वारा अनुमोदन 10 नवम्बर तक होगा। 14 नवम्बर को मेधा सूची प्रकाशित की जाएगी और इसपर आपत्ति 15 से 29 नवम्बर तक की जा सकेगी। 7 दिसम्बर को अंतिम मेधा सूची का प्रकाशन होगा।
4 जनवरी को सार्वजनीकरण : जिला द्वारा पंचायत और प्रखंड की मेधा सूची के अनुमोदन के बाद नियोजन इकाइयों द्वारा इसका सार्वजनीकरण 4 जनवरी 2020 को होगा। 6 जनवरी से 13 जनवरी के बीच प्रमाण पत्रों का मिलान एवं चयन सूची बनेगी। 16 से 20 जनवरी तक नियोजन इकाइयां नियुक्ति पत्र बांटेंगी।
शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक शिक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक : इसबीच प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने सभी डीईओ को पत्र भेजकर साफ किया है कि आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि तक अभ्यर्थी के लिए शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक शिक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
नियोजन में संशोधन को लेकर निदेशक द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक केन्द्रीय सीटीईटी (सेंट्रेल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) के लिए न्यूनतम 60 फीसदी अंक लाने वाले अभ्यर्थी ही उत्तीर्ण घोषित किये जाते हैं। पर यह प्रावधान है कि राज्य सरकार अपने आरक्षण नीति के अनुरूप न्यूनतम निर्धारित अंक को आरक्षित कोटे के अभ्यर्थियों के लिए आवश्यकतानुसार कम कर सकती है।
आरक्षित वर्गके लिए न्यूनतम 55 फीसदी अंक अनिवार्य : इसके तहत वर्ष 2012 में बिहार टीईटी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला एवं दिव्यांग कोटि के उम्मीदवारों के लिए 55 फीसदी अंक लना अनिवार्य किया गया था। पूर्व में सरकार के स्तर पर लिये गये निर्णय के अनुरूप ही वर्ष 2019-20 में शिक्षक नियोजन के लिए यह छूट सीटीईटी उत्तर्ण उक्त कोटि के अभ्यर्थियों पर भी लागू होगी।