बिहार आ रहे राहुल गांधी, महिलाओं के साथ करेंगे संवाद

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के गयाजी में आगमन को लेकर बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गयाजी पहुंच गए हैं। राहुल गांधी के आगमन और कार्यक्रम में कोई कमी ना रह जाए। इसके लिए पहले से ही कमान संभाल ली है।

बिहार विधानसभा चुनावी हलचल के बीच लोकसभा के प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी छह जून को गया आएंगे। बिहार विधानसभा चुनाव के साथ-साथ माई-बहन मान योजना पर मुख्य रूप से फोकस होगा। इस संबंध में बिहार कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो. विजय कुमार मिट्ठू ने बताया कि कांग्रेस पार्टी सह लोकसभा के प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी विगत पांच महीने में पांचवीं बार राजगीर और गया जी की धरती पर आ रहे हैं। इस दौरान राहुल गांधी अतिपिछड़ा और महिलाओं से सीधा संवाद कर दोनों वर्गों के लिए संघर्ष तेज करेंगे।

मांझी के पोस्ट पर यह बयान दिया
बिहार कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गयाजी पहुंचने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के एक्स हैंडल पर पोस्ट किया गया कि “इंदिरा गांधी के सामने नेहरू का सरेंडर”, “इमरजेंसी को जनता के सामने इंदिरा का सरेंडर”, “बोफोर्स के सामने राजीव गांधी का सरेंडर”, “सोनिया गांधी के सामने मनमोहन सिंह का सरेंडर” ” राहुल गांधी के अध्यादेश फाड़ने पर पूरी यूपीए सरकार का सरेंडर”।

जिनका पूरा इतिहास सरेंडर का हो वह दूसरों पर उंगली नहीं उठाते राहुल गांधी जी। इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री मांझी जी हमारे अभिभावक के स्वरूप है और उनकी इतिहास की बुनियाद राजनीतिक तौर से कांग्रेस ही रही है। यदि कांग्रेस उनकी पहचान नही देती तो मांझी जी के बोलने की जो शैली है। इसमें मांझी जी को यह बताना चाहिए कि कितने दिन वो कांग्रेस में रहे और उस काल मे जीतनराम मांझी जी कितना बार विधायक रहे। पहले वो बता दे और जहां तक हमारी पार्टी का है तो पूरे परिवार के पार्टी हमारी पार्टी नही है। इनकी पार्टी बेटा मंत्री, बहू विधायक, समधन विधायक और अपने मंत्री इन लोगों को कोई हैसियत है।

दलित बेटी पर हुई अत्याचार पर चुप है मांझी
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पहले उनसे (केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी) एक सवाल पूछ लीजिएगा की कुढ़नी में जो दलित बेटी तड़प तड़प कर जघन्य का शिकार हुई। इस तरह से इनकी सरकार के कुव्यवस्था ने जान ले ली। कम से कम दलित होने के नाते चुप क्यों बैठे है। जरा सा उनसे सवाल पूछियेगा कि आप दलित के बड़का वोट बैंक लेकर के आप मंत्री विधायक हुए है, तो क्या आप अपनी पार्टी केवल परिवार के लिए बनाया है। जो दलित की बच्ची आज इस दुनिया मे नही रही हैं, उसके लिए आपका कोई हक नहीं बनाता है। आपकी पार्टी आप लोग अपने परिवार को हक दिलवाते हो लेकिन, एक दलित बच्ची एम्बुलेंस में चार घंटा बिना इलाज के तड़प-तड़प कर एक अद्दत आईसीयू में जगह नहीं दिला सके। उस पर भी एक स्पष्टीकरण दे देना चाहिए।

इस विषय पर महागठबंधन के लोग लेंगे फैसला
वहीं एआईएमआईएम के सुप्रीमो ओवैसी के महागठबंधन में आने के प्रस्ताव के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमलोग जो भी फैसले लेंगे, हम लोग सारे गठबंधन के बैठक होगी। उसमें इस पर चर्चा होगी। यह अकेले सवाल का जवाब देना उचित नहीं होगा। बिहार विधानसभा चुनाव में ओवैसी के महागठबंधन में शामिल होने से महागठबंधन को क्या फायदा होगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ये मीडिया की बात आई है और मीडिया की बात मीडिया में ही तैरने दी जाए। हमलोगों तक जब बात आएगी तो इसका जवाब जरूर देंगे।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com