कोरोना वायरस की वजह से इंडियन प्रीमियर लीग का 13वां सीजन प्रभावित हो गया है. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए बीसीसीआई ने आईपीएल के नए सीजन को 29 मार्च की बजाए 15 अप्रैल से करवाने का फैसला किया है. हालांकि शनिवार को होने वाली आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में नए सीजन को लेकर कुछ और बड़े फैसले भी लिए जा सकते हैं.
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की आठ फ्रेंचाइजियां बीसीसीआई के साथ बैठक का इंतजार कर रही हैं ताकि लीग के 13वें संस्करण को लेकर फैसला लिया जा सके.
फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने कहा कि ”धीरे-धीरे चीजें हमारे हाथ से जा रही हैं क्योंकि एक-एक कर के सभी राज्य सरकारें यह साफ कर रही हैं कि वह आईपीएल मैच आयोजित नहीं कराएंगी. इसलिए इसे कराने का एक ही तरीका है वो भी बिना दर्शकों के.”
अधिकारी ने कहा, “अब आप सरकार ने कहा दिया है कि वह भीड़ जुटने के डर से आईपीएल मैच आयोजित नहीं कराएंगी. ऐसे ही अगर सभी शहर एक-एक कर के मैचों के आयोजन के लिए मना कर देते हैं तो आप मैचों की मेजबानी कहां करेंगे.
ऐसे में बिना दर्शकों के मैच कराने के बजाए कोई तरीका नहीं है. इस तरह की स्थिति में सबसे बुरी बात यह होता है कि आपको पता नहीं होता कि हालात और खराब होंगे या सुधरेंगे.”
अधिकारी ने कहा, “आपको क्या पता कि चीजें 15 अप्रैल के ठीक हो जाएं? क्या पता स्थिति और बुरी होगी? यह गंभीर मुद्दा है और हम कल होने वाली बैठक के बाद ही कुछ बोल सकते हैं.”
एक और फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने इस बात में हामी भरते हुए कहा कि लीग को स्थागित करना विकल्प नहीं हो सकता क्योंकि बाद में टीमों को फिर आपने विदेशी खिलाड़ियों के बिना खेलना होगा.
इससे पहले बुधवार को भारत सरकार ने विदेशी खिलाड़ियों को 15 अप्रैल तक वीजा देने से इंकार कर दिया था. आईपीएल में हिस्सा लेने वाली फ्रेंचाइजी ने इस फैसले को देखते हुए भी कहा था कि बोर्ड बिना विदेशी खिलाड़ियों के आईपीएल के नए सीजन का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए.
इसके अलावा दिल्ली सरकार के राज्य में आईपीएल के मैच नहीं होने देने के फैसले ने भी बोर्ड की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. महाराष्ट्र सरकार भी चाहती है कि राज्य में बिना दर्शकों के ही मैचों का आयोजन करवाया जाए.