जनपद में जीरो बजट खेती की चर्चा गैर प्रांतों में भी हो रही है, जिसे देखने के लिए गुजरात के राज्यपाल देवव्रत आचार्य पहुंच गए हैं। किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा दिलाने के लिए बिधनू के बघारा गांव स्थित विकल्प फॉर्म में डीजल व बिजली के बिना चलने वाले कृषि उपकरण विकसित किए गए हैं। बैल से चलने वाला ट्रैक्टर व पंप के अलावा गेहूं-दाल की कटाई मशीन समेत अन्य उपकरण शामिल हैं, इजिन्हें राज्यपाल ने स्वयं संचालित करके देखा।
बघारा गांव के विकल्प फॉर्म में मौजूद उपकरण किसानों का जीरो बजट खेती का सपना साकार करके उन्नतशील बना रहे हैं। खेती के लिए बैल चालित कृषि यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। इसके दो लाभ हैं, पहला कई किसानों के पास ईंधन का खर्च उठाने का बजट नहीं है, यह उपकरण उन्हें लाभ पहुंचा सकता है। दूसरा, इससे काफी हद तक बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान भी किया जा सकता है। यहां पर किसानों को देसी गाय के गोबर व गोमूत्र से बनने वाले जीवामृत के बारे में भी जानकारी दी जाती है। इसे खेतों में छिड़कने के बाद रासायनिक खाद डालने की जरूरत नहीं होती है।