जिले के निंदूरा ब्लाक की एक महिला ग्राम विकास अधिकारी ने बीडीओ पर कमरे में बुलाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना है कि काम के बहाने वह कमरे में बुलाकर उत्पीड़न करते हैं। शिकायत पर सीडीओ ने जिला विकास अधिकारी को जांच सौंपी हैं। डीडीओ ने अब बीडीओ से स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं बीडीओ ने कहा कि सही से काम न करने पर उन पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं।
सीडीओ एकता सिंह को दिए पत्र में महिला ग्राम विकास अधिकारी ने आरोप लगाया है कि बीडीओ कार्यों को पूरा करने के बहाने उसका उत्पीड़न कर रहे हैं। उसे अपने कमरे में बुलाते हैं। इस पर सीडीओ ने प्रकरण की जांच जिला विकास अधिकारी को सौंपी है। डीडीओ ने बीडीओ को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
मनरेगा में नहीं थम रहा खेल : निंदूरा में 23 गांव ऐसे हैं, जहां पर मानक से अधिक सामग्री पर पैसा खर्च कर दिया गया था। तत्कालीन बीडीओ मुनीश चंद्र ने नियमों का उल्लंघन किया था, जिसकी जांच डिप्टी कमिश्नर मनरेगा कर रहे हैं। अभी भी मनरेगा में खेल समाप्त नहीं हुआ है। यही कारण है कि पंचायत सचिव ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
बीडीओ ने आरोपों को बताया निराधार : निंदूरा बीडीओ संतोष कुमार ने आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने बताया कि एक ग्राम प्रधान ने शिकायत की थी कि पंचायत में सात लाख के मनरेगा में काम कराए गए हैं, जिसका भुगतान पंचायत सचिव यानी ग्राम विकास अधिकारी नहीं कर रही हैं। इसी क्रम में उनसे जवाब मांगा गया था। इसलिए उन्होंने आरोप लगाए हैं। वह बिना स्वीकृति के छुट्टी पर चली जाती हैं। ग्राम पंचायतों में सही से कार्य नहीं करती हैं।
‘पंचायत सचिवों के आरोपों की जांच की जा रही है। बीडीओ को अपना पक्ष रखने के लिए पत्र भेजा गया है। जांच कर रिपोर्ट सीडीओ को सौंपी जाएगी।’ –अजय पांडेय, जिला विकास अधिकारी, बाराबंकी।