महिलाओं से छेड़खानी और यौन उत्पीड़न रोकने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट में CCTV कैमरे लगाने के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने खारिज कर दिया है. निर्भया फंड से जुड़े कई पक्षों ने यह प्रस्ताव रखा था, लेकिन मेनका गांधी ने इसे व्यावहारिक नहीं बताया.
मेनका गांधी ने मेल टुडे से कहा, ‘महिलाओं का यौन उत्पीड़न तभी होता है, जब वे बसों में खड़ी रहती हैं, न कि सीट पर बैठे रहने के दौरान. इसलिए CCTV पर पैसा खर्च करना धन की बर्बादी होगी. इससे अपराधियों का पकड़ना मुश्किल है.’
मेनका गांधी ने कहा कि कोई भी यह आसानी से पता कर लेगा कि बस में कैमरा कहां लगा हुआ है और उसे क्षतिग्रस्त भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘हम किसी बस में CCTV कैमरा तो लगा सकते हैं, लेकिन मैं आश्वस्त नहीं कर सकती कि इसको लगाने के तीन बाद भी यह इस उद्देश्य में कारगर होगा या नहीं.’
उन्होंने कहा, ‘निजी बस मालिक चाहें तो अपने वाहनों में CCTV कैमरे लगा सकते हैं, लेकिन मैं इसे लेकर आश्वस्त नहीं हूं कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में CCTV कैमरा लगाने से असल उद्देश्य पूरा होगा.’
गौरतलब है कि हाल में ही डीयू की एक छात्रा ने अपने पास बैठे एक व्यक्ति वीडियो शेयर किया था, जो हस्तमैथुन कर रहा था. दिल्ली की बसों में महिलाओं के साथ अक्सर छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती हैं. ऐसे में मेनका गांधी की यह राय चकित करने वाली है.
स्वाति मालीवाल ने मेनका गांधी के तर्क को गलत बताया
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मेनका गांधी के तर्कों को खारिज किया है. उन्होंने कहा, ‘बसों में CCTV कैमरे लगाने के महत्व के बारे में किसी तरह का संदेह नहीं होना चाहिए. इससे कम से कम तमाम मर्द चलते हुए वाहन में अपराधकरने से डरेंगे.’ उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार बार-बार केंद्र सरकार से यह अनुरोध कर रही है कि बसों में CCTV कैमरे लगाने के लिए फंड दिए जाएं.
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