बल्लेबाजी ही नहीं मेलबर्न में शानदार कप्तानी भी कर रहे है अजिंक्य रहाणे

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में टीम की कप्तानी करते हुए शानदार शतक जड़ने के लिए अजिंक्य रहाणे की जमकर तारीफ हो रही है. मौजूदा हालातों को देखते हुए क्रिकेट जानकार इसे रहाणे की सर्वश्रेष्ठ पारी बता रहे हैं. रहाणेे ने पहली पारी में 112 रन बनाए थे. लेकिन टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान खुद इसे अपनी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी नहीं मानते. रहाणे ने 6 साल पहले ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ लगाए शतक को अपनी सबसे बेहतरीन पारी बताया है. रहाणे के शतक की मदद से भारत ने उस टेस्ट मैच में जीत हासिल की थी.

मेलबर्न में विराट कोहली की गैरहाजिरी में टीम इंडिया की कमान संभाल रहे रहाणे ने टेस्ट मैच के पहले दिन समझदारी भरी कप्तानी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 195 रन पर रोक दिया था. इसके बाद दूसरे दिन टीम इंडिया को शुरुआत में ही लगे झटकों से संभालते हुए भारतीय कप्तान ने शानदार शतक जड़ डाला. ये रहाणे के करियर का 12वां शतक था.

रहाणे की इस पारी की मदद से भारतीय टीम ने 326 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया पर 131 रनों की बढ़त हासिल की. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया मजबूत स्थिति में पहुंच गई. दिन का खेल खत्म होेने के बाद रहाणे ने अपने शतक के बारे में बात करते हुए कहा,

“यह (शतक) खास था. शतक बनाना हमेशा खास होता है. अब भी लगता है कि लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ मेरा शतक सर्वश्रेष्ठ था.”

2014 में भारतीय टीम के इंग्लैंड दौरे में लॉर्ड्स मैदान पर सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच खेला गया था. इस मैच की पहली पारी में भारतीय टीम का कोई भी बल्लेबाज बड़ा स्कोर नहीं बना सका. सिर्फ रहाणे ने जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड का दिलेरी से सामना करते हुए 103 रनों की शानदार पारी खेली.

रहाणे की इस पारी की मदद से भारतीय टीम 295 रन बना सकी. इसके बाद पहली पारी में भुवनेश्वर कुमार के 6 विकेट और दूसरी पारी में ईशांत शर्मा की घातक गेंदबाजी ने मैच को भारत की झोली में डाल दिया. ईशांत ने उस पारी में 7 विकेट हासिल कर टीम को 95 रनों से जीत दिलाई थी.

एडिलेड में हुए पहले ही टेस्ट मैच में मिली शर्मनाक हार के बाद दूसरे टेस्ट में टीम की कमान संभाल रहाणे ने मेलबर्न में जिस तरह अपने गेंदबाजों का इस्तेमाल किया और फील्ड प्लेसमेंट में जैसी चतुराई दिखाई, उसके लिए क्रिकेट जगत ने उनकी सराहना की. अपनी कप्तानी के बारे में रहाणे ने कहा,

“कप्तानी अपनी सहज प्रवृत्ति पर चलना है. आपको अपने अंदर की आवाज का साथ देना होता है. गेंदबाजों को श्रेय जाता है, उन्होंने सही जगह गेंदबाजी की.”

रहाणे के शतक के बाद भारतीय गेंदबाजों ने दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह झकझोर दिया. भारतीय गेंदबाजों ने सिर्फ 99 रन पर ही ऑस्ट्रेलिया के 6 विकेट झटक लिए. एक वक्त ऐसा लगने लगा था कि भारतीय टीम तीसरे दिन ही पारी के अंतर से मैच अपने कब्जे में कर लेगी, लेकिन कैमरन ग्रीन और पैट कमिंस ने ऑस्ट्रेलिया की हार को फिलहाल टाल दिया. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने छह विकेट पर 133 रन बना लिए हैं और उसे 2 रन की बढ़त मिल गई है.

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