चन्नी कभी अपनी कोठी के सामने गुड लक सड़क बनाने के लिए जाने गए तो कभी हाथी पर बैठे हुए नजर आए। चन्नी ने सरकार की सबसे ज्यादा भद्द तब पिटवाई जब एक ट्रांसफर केस का फैसला उन्होंने सिक्का उछाल कर किया था। उनको लेकर पार्टी में नाराजगी उसी दिन से शुरू हो गई थी।

बढ़ सकती हैं चन्नी की मुश्किलें, कैप्टन की नाराजगी पड़ेगी भारी

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। सरकार व पार्टी के लिए परेशानी खड़ी कर देने वाले तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। चन्नी को लेकर न सिर्फ मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों में नाराजगी है बल्कि कांग्रेस पार्टी में भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। पार्टी में तो चन्नी के खिलाफ कार्रवाई करने तक की मांग उठने लगी है।चन्नी कभी अपनी कोठी के सामने गुड लक सड़क बनाने के लिए जाने गए तो कभी हाथी पर बैठे हुए नजर आए। चन्नी ने सरकार की सबसे ज्यादा भद्द तब पिटवाई जब एक ट्रांसफर केस का फैसला उन्होंने सिक्का उछाल कर किया था। उनको लेकर पार्टी में नाराजगी उसी दिन से शुरू हो गई थी।

कैबिनेट विस्तार में चन्नी अपना कद ऊंचा करना चाहते थे, लेकिन कैप्टन के सामने उनकी एक न चली। कैबिनेट विस्तार के बाद चन्नी दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले। जब कैबिनेट में प्रतिनिधित्व न मिलने के कारण वाल्मीकि समुदाय व ओबीसी के विधायक नाराज चल रहे थे तब चन्नी आग में घी डालने का काम कर रहे थे। प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ द्वारा बार-बार कहने के बावजूद चन्नी नहीं माने।

शाहकोट उपचुनाव से पूर्व चन्नी ने एक बार फिर दलित कार्ड खेला और अपनी ही सरकार को दलित विरोधी साबित करने की कोशिश करते हुए कहा कि एडवोकेट जनरल के दफ्तर में कोई भी दलित नहीं है। चन्नी के इस बयान को मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों ने गंभीरता से लिया।  

महत्वपूर्ण यह है कि कांग्रेस में पहले से ही बाहरी लोगों के आने और उनके मंत्री बनने को लेकर नाराजगी चल रही थी। चन्नी भी 2012 में कांग्रेस में आकर चुनाव लड़े थे। इससे पहले वह चमकौर साहिब से आजाद चुनाव जीते थे। दलित समुदाय का होने के कारण राहुल गांधी ने सुनील जाखड़ को नेता प्रतिपक्ष से हटाकर उन्हें जिम्मेदारी सौंपी थी।

यही कारण है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर चन्नी को मंत्री बनाया गया, लेकिन वे शुरू से ही तकनीकी शिक्षा विभाग को लेकर खुश नहीं थे। उनकी महत्वाकांक्षा तो उप मुख्यमंत्री बनने तक की थी। राहुल गांधी के गुड बुक में होने के कारण कैप्टन ने भी कोई सख्ती नहीं बरती। सूत्र बताते हैैं कि चन्नी द्वारा दिए गए बयान की जानकारी भी राहुल को भेजी जा चुकी है। स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले समय में चन्नी की मुश्किलें बढऩे वाली हैं। इन दिनों वे देश में नहीं हैं।  

कैबिनेट बैठक के दौरान वीरवार को चन्नी का मामला उठने पर कैप्टन ने कहा कि चन्नी ने एजी के दफ्तर के लिए जो दो नाम भेजे थे वह जनरल कैटेगरी के थे। कैप्टन ने इन दो नामों को उजागर करके अपनी नाराजगी जता दी। मंत्रियों ने लामबंद होकर चन्नी की निंदा करके यह संकेत दे दिए कि उनकी राह आसान नहीं होने वाली है। 

चन्नी कभी अपनी कोठी के सामने गुड लक सड़क बनाने के लिए जाने गए तो कभी हाथी पर बैठे हुए नजर आए। चन्नी ने सरकार की सबसे ज्यादा भद्द तब पिटवाई जब एक ट्रांसफर केस का फैसला उन्होंने सिक्का उछाल कर किया था। उनको लेकर पार्टी में नाराजगी उसी दिन से शुरू हो गई थी।

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