उनके ईर्द गिर्द लोगों की भीड़ थी और लगभग हर आंख उनके ऊपर टिकी हुई थी, एक आम महिला या पुरुष के लिए ये वाकई एक असहज स्थिति हो सकती है. लेकिन वो बिल्कुल भी असहज नहीं होती, “इसकी आदत हो जाती है सुशांत, ये लोग मुझे नहीं, सिने स्टार को देख रहे हैं और इससे मेरे अंदर की विद्या को कोई परेशानी नहीं होती.”
विद्या से आप कभी भी मिलिए, एक शांत मुस्कुराहट उनके चेहरे पर हमेशा बनी रहती है. बहुत कम मेकअप और आम अभिनेत्रियों से थोड़े ज्यादा वजन वाली विद्या को देखकर एक बार भी ऐसा नहीं लगता कि वो किसी ‘डीवा’ से कम हैं.
‘जब तक आप अपने शरीर में अच्छे लग रहे हैं, फ़िट हैं, तब तक सभी कुछ ठीक है. ऐसाे’. न्यूज़ 18 के ‘चौपाल’ कार्यक्रम में शिरकत करने आईं विद्या अपनी नई फ़िल्म बेग़म जान का प्रमोशन भी कर रही हैं.
वो बेग़म जान में एक ऐसी कोठा मालकिन का किरदार निभा रही हैं जिसका कोटा भारत – पाक विभाजन के दौरान सीमा रेखा के बीचो बीच आ गया है और अब इसे गिराया जाना है.
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30 से ज़्यादा फ़िल्मों में काम कर चुकी विद्या मानती हैं कि बेगम का किरदार न सिर्फ उनके लिए चैलेंजिंग था बल्कि मजेदार भी था. वो कहती हैं, ‘इस फिल्म में पहली बार मैंने हिंसा की, मैं स्वाभाव से बिल्कुल भी हिंसक नहीं हूं और लड़ाई झगड़े से काफी डर जाती हूं, लेकिन इस फिल्म में मैंने मैं खूबसूरत लग रही हूं, थप्पड़ मार रही हूं, गाली दे रही हूं, गोली चला रही हूं, बड़ा अच्छा लग रहा है.’
विद्या इस इंटरव्यू से पहले कोलकाता में थी जहां उनके साथ एक सेल्फी खिंचवाने की होड़ में एक फैन ने बदतमीजी की थी. विद्या कहती हैं कि वो इस बात से अक्सर परेशान हो जाती हैं कि लोग कलाकारों या फिल्म आर्टिस्टों से प्यार करते करते ये भूल जाते हैं कि हम भी इंसान हैं और हमारी भी इच्छा या इजाजत लेने की जरुरत होती हैं.
विद्या ने बताया कि ये पहली बार नहीं है, कभी भीड़ में, किसी इवेंट में अक्सर कुछ फैंस अपनी सीमाएं लांघने की कोशिश करते हैं. विद्या मानती हैं कि अक्सर ऐसा करने वालों को खुद पता नहीं होता कि वो ऐसा कर रहे हैं, और यही वो वक़्त होता है जब हमारी सिक्योरिटी, हमारे लोग फैंस को दूर करने के लिए धक्का लगाते हैं और उन्हें लगता है कि हम रूड हैं.
विद्या उन अभिनेत्रियों में से हैं जिन्हें एक समय में फ़्लॉप मानकर इंडस्ट्री से किनारे कर दिया गया था. दक्षिण भारत की कुछ फिल्में फ्लॉप हो जाने के बाद अंधविश्वास को ज्यादा मानने वाले बॉलिवुड के निर्माता निर्देशकों ने विद्या को फ्लॉप का कारण घोषित कर दिया था लेकिन विद्या ने इस “बैन” के बाद वापसी की और आज वो इंडस्ट्री की “बैंकेबल” स्टार है.
“मुझे मालूम है कि यहां अपनी जगह बनाना मुश्किल है, खुद को साबित करने के लिए आपको लगातार अच्छा काम करना पड़ता है और महिलाओं के लिए ये और भी मुश्किल होता है.”
लेकिन विद्या को खुशी है कि अब महिलाओं के लिए ये थोड़ी बेहतर जगह है और बेहतर पैसे के साथ साथ अभिनेत्रियों को बेहतर रोल भी दिए जा रहे हैं. विद्या हंसते हुए कहती हैं कि महिलाओं के लिए समस्याएं तो अभी भी बहुत हैं और सिर्फ मुंबई दिल्ली की महिलाओं के आगे बढ़ जाने से सबकुछ ठीक नहीं हो जाएगा लेकिन बदलाव शुरू हो चुका है.
इतनी देर में विद्या के आसपास भीड़ बढ़ गई, लोग बेगम जान के ट्रेलर की बातें करने लगे और उनके साथ एक सेल्फी खिंचवाने की बात करने लगे.
विद्या ने आंखो से इशारा किया और हम समझ गए कि अब वो इंटरव्यू को आगे नहीं ले जा पाएंगी लेकिन वो रुकी और अपनी गुलाबी साड़ी को ठीक करते हुए बोली, “बेगम जान तक का सफर मुश्किल था, लेकिन मैं आई हूं और अब मैं यहां रहूंगी, बात इतनी सी है कि हिम्मत मत हारो.”
फिर वो सेल्फी खींचने वालो की भीड़ के केंद्र में चली गई और अपने “बेग़म” अवतार में वापिस आ गई, हम पीछे रह गए इस इंटरव्यू और उनके सिंपल टच के साथ.