झारखंड की नई सरकार ने शपथ ग्रहण के ठीक बाद ही कहा था कि राज्य की आर्थिक हालत ठीक नहीं है और सरकारी खजाना लगभग खाली हो चुका है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्वेत पत्र जारी करने का भी वादा किया था. वहीं झारखंड विधानसभा में सरकार ने श्वेत पत्र पेश कर दिया है.
इसे तैयार करने के लिए सरकार ने पांच सदस्यों की एक समिति का गठन किया था जिसमें विभागीय अधिकारियों के साथ- साथ वित्तीय मामलों के जानकार हरिश्वर दयाल को शामिल किया गया था.
इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. श्वेत पत्र के जरिए सरकार अपने सभी विभागों के खर्च और आय की पूरी जानकारी साझा करेगी.
इसमें सभी तरह की आय की जानकारी शामिल है. इतना ही नहीं इस श्वेत पत्र के जरिए सरकार ये भी बताएगी कि किसी खास योजना के लिए सरकार ने कितना बजट आवंटित किया था और उस पर वास्तविक खर्च कितना हुआ है.
3 मार्च को पेश होने वाले वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट करीब 80 हजार करोड़ के आसपास होने वाला है. सरकार ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि राज्य का खजाना खाली होने की वजह से कई गैरजरूरी योजनाओं को बंद किया जा सकता है और ऐसे में सरकार ने फैसला किया है कि बजट का आकार उतना ही होगा जितना कि वास्तविकता में संभव हो सके.
इसके साथ ही सरकार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी पेश करेगी. इस रिपोर्ट में राजकोषीय घाटे और आने वाले वित्तीय वर्ष में वित्तीय स्थिति का ब्यौरा भी होगा. मौजूदा आमदनी की बात करें तो सरकार को सिर्फ 20 हजार करोड़ की आमदनी ही हो रही है.