अपनी लाइफ को सही तरीके से चलाने के लिए फाइनांशियल स्किल होना काफी जरुरी होता है। यही कारण है कि वित्तीय साक्षरता भी बच्चे के आरंभिक शिक्षा में शामिल करना जरुरी हो जाता है।
उन्हें बचपन से लेकर एडल्टहुड तक ये सीख देनी चाहिए। इसके लिए पेरेंट्स को ही पहला कदम उठाना चाहिए ताकि वे अपनी फाइनांशियल स्किल सही कर सकें। हालांकि बच्चों के लिए किसी भी स्कूल के करिकुलम में ये नहीं है जिसके अंतर्गत उनके लिए वित्तीय साक्षरता की बात की जाए। इसलिए ये जरुर है कि पेरेंट्स बचपन से ही उन्हें पैसे की अहमियत समझायें और मनी सेविंग के बारे में बतायें।
अपने रोज के कामों को उनके लिए एक लर्निंग पार्ट बना दीजिए जिससे वे आपको देखकर कुछ सीख सकेंगे साथ ही कुछ अनुभव ले पायेंगे। बच्चे किसी भी चीज को बहुत जल्दी सीखते हैं इसलिए जितना जल्दी हो सके उन्हें छोटे से ही ये बातें सिखानी शुरु कर देनी चाहिए। उनके साथ काल्पनिक गेम और स्टोर ओनर की तरह गेम खेलें। उन्हें पैसे का महत्व समझाने के लिए कौन कौन से तरीके अपना सकते हैं-
ग्रॉसरी स्टोर लेकर जाएं
अपने बच्चे को साथ में लेकर ग्रॉसरी स्टोर जायें और उन्हें सामानों को देखकर उनके प्राईस पहचानने का लेसन दें। उन्हें सिखायें कि क्वालिटी के साथ समझौता किये बिना सस्ते सामानों की खरीदारी कैसे की जाती है। आप उन्हें कुछ पैसे देकर उन्हें सीमित बजट में अधिक से अधिक फूड आईटम खरीद कर लाने का टास्क दे सकते हैं।
उन्हें एक मामूली भत्ता दें
उन्हें थोड़े पैसे दें जिससे वे अपनी मनमर्जी के अनुसार उन्हें सीमित रुप से खर्च कर सकें। इससे वे कैश का महत्व समझ पायेंगे और ज्यादा खर्च करने से बचेंगे। उन्हें फ्यूचर के लिए सेविंग करने की सीख दें। अगर आप उन्हें पूरी तरह से छूट दे रखेंगे तो वे बजट के अंदर खर्च करना नहीं सीख पायेंगे।
एक गेम और उनके खिलौने के लिए उन्हे पैसे सेविंग करने के लिए प्रोत्साहित करें
वे जब आपके साथ मार्केट जाते हैं तो अक्सर वे अपने लिए खिलौने की डिमांड करते हैं। इस अवसर को हाथ से जाने न दें। आप उन्हें इस मौके का फायदा उठाते हुए उन्हे पैसे की अहमियत को सिखा सकती हैं। आप उन्हें उनकी पॉकेटमनी से अपने खिलौने के लिए पैसे बचाने की बात करें।
उन्हें बजट के अंदर ही सामान परचेज करने की आजादी दें
बड़े बच्चे बजट का मतलब समझते हैं। उन्हें महीने का बजट देकर उनके हिसाब से महीना चलाने को कहें। वे शुरुआत में तो गलती करेंगे लेकिन बाद में धीरे धीरे वे अपनी ओवरऑल फाइनांस को मैनेज करना सीख जायेंगे।
बैंक अकाउंट खुलवाना
जैसे जैसे आपके बच्चे बड़े होते हैं आप उनका अकाउंट खुलवा दें साथ ही उन्हें अपने अकाउंट की डिटेल के बारे में ध्यान रखने को कहें। उन्हें बैंक से संबंधित पेपर्स और डॉक्युमेंट्स को खुद ही पढ़ने और समझने की आजादी दें। बैंक से ट्रांजैक्शन की डिटेल्स पर भी ध्यान रखने को कहें ताकि वे अपने अकाउंट को स्वतंत्र रुप से और समझदारी से मैनेज कर सकें।