लोकसभा चुनाव 2019 की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब प्रदेशवासियों को महंगी बिजली का तगड़ा झटका लगने वाला है। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने सभी श्रेणियों के तकरीबन तीन करोड़ उपभोक्ताओं के लिए बिजली की मौजूदा दरों में जबरदस्त बढ़ोतरी का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश
विद्युत नियामक आयोग में दाखिल किया है। घरेलू बिजली की दरें 6.20 से 7.50 रुपये प्रति यूनिट तक प्रस्तावित हैैं। कामर्शियल बिजली की दरें भी 8.85 रुपये प्रति यूनिट तक करने के साथ ही फिक्स्ड चार्ज को बढ़ाने का प्रस्ताव है। लोकसभा चुनाव में जनता की नाराजगी से बचने के लिए भले ही पिछले डेढ़ वर्ष से बिजली की दरों में इजाफा नहीं किया गया, लेकिन मई में चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब बिजली की दरों में जबरदस्त बढ़ोतरी प्रस्तावित है। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने वर्ष 2019-20 के लिए नई बिजली की दरों का प्रस्ताव शुक्रवार देर शाम गुपचुप विद्युत नियामक आयोग में दाखिल भी कर दिया। उपभोक्ता संगठनों ने आयोग में दाखिल बिजली महंगी करने के प्रस्ताव पर सार्वजनिक सुनवाई के दौरानकड़े विरोध की चेतावनी दी है, लेकिन प्रस्ताव अमल में आने पर सबसे ज्यादा चोट गरीब परिवारों पर पडऩा तय है।
बिजली किस कदर महंगी करने की तैयारी है उसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की मौजूदा बिजली दरें 4.90 से 6.50 रुपये प्रति यूनिट है जिसे अब 6.20 से 7.50 रुपये तक करने का प्रस्ताव आयोग में सौंपा गया है। प्रस्ताव में जहां बीपीएल श्रेणी, ग्रामीणों और किसानों की बिजली दरों में व्यापक बढ़ोतरी प्रस्तावित है, व्यापारियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कॉमर्शियल (वाणिज्यिक) बिजली की दरों को भी बढ़ाने का प्रस्ताव है। 300 यूनिट तक दर जहां 7.55 रुपये प्रति यूनिट वहीं उससे ज्यादा के लिए 8.85 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित है। अभी कॉमर्शियल बिजली 7 से 8.30 रुपये प्रति यूनिट तक है। 430 रुपये फिक्स्ड चार्ज भी बढ़ाकर 450 रुपये प्रति किलोवाट करने का प्रस्ताव है।
चार किलोवाट तक के कामर्शियल कनेक्शन के लिए फिक्स्ड चार्ज 400 रुपये प्रति किलोवाट प्रस्तावित है। लघु से लेकर मझोले व भारी उद्योगों की बिजली की दरों में भी 10 से 15 फीसद तक के इजाफे का प्रस्ताव है। 2017 में योगी सरकार बनने के बाद निकाय चुनाव समाप्त होते ही बिजली की दरों में औसतन 12.73 फीसद का इजाफा किया गया था। वर्ष 2017 में मौजूदा बिजली की दरों के संबंध में आयोग ने 30 नवंबर को आदेश किया था। कारपोरेशन ने बढ़ी दरों को नौ दिसंबर से लागू किया था। नियामक आयोग में बिजली कंपनियों ने शहरी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का प्रति किलोवाट फिक्स्ड चार्ज 100 से बढ़ाकर 110 रुपये करने का प्रस्ताव दिया है, बीपीएल श्रेणी के घरेलू उपभोक्ताओं का फिक्स्ड चार्ज भी 50 से बढ़ाकर 75 रुपये प्रस्तावित किया गया है।
कारपोरेशन ने प्रस्ताव में घरेलू बीपीएल कनेक्शनों की रियायती दरों वाली यूनिट की संख्या आधी करने की बात कही है। अभी बीपीएल परिवारों को तीन रुपये की दर पर 100 यूनिट मिलती थीं, अब इसे 50 यूनिट करने की तैयारी है। इसी तरह घरेलू ग्रामीण अनमीटर्ड कनेक्शनों पर भी 25 फीसद की वृद्धि का प्रस्ताव है। बिना मीटर वाले ग्रामीण परिवारों को अभी 400 रुपये प्रति किलोवाट की दर पर बिजली दी जा रही है। अब इसे बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रस्ताव है। अनमीटर्ड किसानों के लिए निजी नलकूप की दरें भी 150 रुपये प्रति बीएचपी से बढ़ाकर 170 रुपये करने की तैयारी है। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से प्रस्तावित वृद्धि को वापस लेने की मांग करते हुए जन आंदोलन की चेतावनी दी है। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि सरकार अब घरेलू बिजली दरों को कारखानों के बराबर करने जा रही है। इसे जनता के साथ धोखा ठहराते हुए वर्मा ने कहा कि प्रस्तावित दरों की सार्वजनिक सुनवाई में तथ्यों के साथ विरोध की भी तैयारी शुरू कर दी गई है।
घरेलू शहरी उपभोक्ताओं की दरें
यूनिट- वर्तमान दर- प्रस्तावित दर (रुपये प्रति यूनिट)
0 से 150 4.90 6.20
151 से 300 5.40 6.50
301 से 500 6.20 7.00
500 से अधिक 6.50 7.50।
घरेलू ग्रामीण उपभोक्ताओं की दरें
यूनिट- प्रस्तावित दर (रुपये प्रति यूनिट)
0 से 50 3.00
51 से 100 3.85
101 से 150 4.10
151 से 300 5.00
301 से 500 5.50
500 से अधिक 6.00।