दुनिया में बड़ी टेक कंपनियों की ओर से छंटनी के बीच भारत की फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने भी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के फैसला किया है। ये कंपनी की कुल वर्कफोर्स का करीब तीन प्रतिशत होगा। मौजूदा समय में जोमैटो में करीब 3,800 कर्मचारी काम करते हैं।
कंपनी के प्रवक्ता को ओर से बयान जारी कर कहा गया कि ये छंटनी नियमित प्रदर्शन पर आधारित होगी और मौजूद कुल वर्कफोर्स के तीन प्रतिशत के अंदर होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये छंटनियां कंपनी के सभी विभागों जैसे टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग, प्रोडक्ट और कैटेलॉग से होने वाली हैं।
क्यों हुई कंपनी से छंटनी?
कंपनी के इस फैसले को मुनाफे में आने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले साल शेयर बाजार में लिस्टिंग होने के बाद कंपनी अपने घाटे को तेजी से कम करना चाहती है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजों के बाद कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर ने कहा कि अगले साल सितंबर तक कंपनी ब्रेकइवन पर पहुंच सकती है। इसके साथ उन्होंने कहा था कि कंपनी का आंतरिक लक्ष्य इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में इस लक्ष्य को पाना है।
जोमैटो में इससे पहले भी चुकी है छंटनी?
कोरोना शुरू होने के बाद मई 2020 में 520 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था, जो कि उस समय कंपनी के स्टाफ का 13 प्रतिशत था। इससे पहले कंपनी की ओर से सितंबर 2019 में 541 कर्मचारियों की छुट्टी की गई थी।
जोमैटो के सह-संस्थापक ने छोड़ी कंपनी
बता दें, बीते शुक्रवार को कंपनी के सह-संस्थापक मोहित गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया था। वहीं, कंपनी के न्यू इनिशिएटिव के प्रमुख राहुल गंजू भी कुछ समय पहले इस्तीफा दे चुके हैं। वे कंपनी के साथ करीब पांच साल तक जुड़े थे।