Coronavirus का असर इकोनॉमी पर वैसे तो दिखने लगा है लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का मानना है कि अभी ‘पैनिक’ बटन दबाने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि तीन सप्ताह में काबू नहीं पाए जाने की स्थिति में यह चुनौती बन सकती है। उन्होंने कहा कि फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग ने अनिवार्य कच्चे माल को चीन से एयरलिफ्ट कराने का प्रस्ताव दिया है जिस पर सरकार विचार कर रही है। फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए अधिकतर कच्चे माल का आयात चीन से किया जाता है। फार्मा उद्योग के लिए कच्चे माल का इंतजाम नहीं होने पर घरेलू स्तर पर दवा की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
पिछले सप्ताह वित्त मंत्री ने चीन से आने वाले कच्चे माल का जायजा लेने के लिए उद्योग जगत के साथ बैठक की थी। जल्द ही सप्लाई चेन को सुचारू रखने के लिए सरकार की तरफ से कदम उठाए जा सकते हैं।
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले के सचिव अतानु चक्रवर्ती ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना से हमारा घरेलू विकास प्रभावित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना के सारे पहलू बाहर नहीं आए हैं, इसलिए बहुत कुछ नहीं कहा जा सकता है।
इससे पहले शुक्रवार को किरिन क्रेयन्स के सह-संस्थापक और विवो इंडिया के पूर्व सीएमओ विवेक झांग ने भारत-चीन व्यापार पर एक परिचर्चा के दौरान बताया कि इस सप्ताह अधिकतर चीनी कंपनियों ने काम आरंभ कर दिया है।
उन्होंने बताया कि चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के प्रमुख ने उन्हें यह विश्वास दिलाया है कि अप्रैल के अंत तक स्थिति पूरी तरह से काबू में आ जाएगी।
चीन में इस वायरस से अब तक करीब 2,900 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों की संख्या में लोग इस बीमारी से संक्रमित बताए जा रहे हैं। कोरोनावायरस के कारण दुनियाभर के शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की जा रही है।