फर्जी वेबसाइट बनाकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले तीन आरोपियों को साइबर सेल की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी घर बैठे पार्ट टाइम जॉब का लालच देते थे। वेबसाइट पर सामान बेचने के नाम पर कमीशन का झांसा देते थे।
इंस्पेक्टर साइबर क्राइम सेल शशिकांत चौहान ने 8 जुलाई को लखनऊ के हसनगंज कोतवाली में रितिका वेलिंग्टन ने सागो ट्रेडिंग कंपनी पर जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया था। कपनी पर आरोप था कि फर्जी वेबसाइट बनाकर उस पर सामान बेचने पर कमीशन दिलाने का दावा करते हुए करीब 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। वहीं तीन सितंबर को अवनीश खोसला ने 81 हजार रुपये की धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अवनीश ने बताया कि एक वेबसाइट पर सामान बेचने पर कमीशन का लालच दिया गया था।
लखनऊ पुलिस की साइबर सेल ने इस मामले की पड़ताल की। इस दौरान पता चला कि मुंबई स्थित ठाणे में पैसे ट्रांसफर होते हैं। इसके बाद लखनऊ पुलिस की एक टीम ठाणे पहुंची और अजमेर के रहने वाले आयुष पराशर, शुभंकर गंगवार और भीलवाड़ा निवासी शाहरुख खान को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से 44 एटीएम कार्ड, 47 चेक बुक, 14 आधार कार्ड, 17 मोहर और 12 सिम कार्ड बरामद हुए। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उनके तीन साथी अभी फरार चल रहे हैं।
टेलिग्राम एप के जरिए करते थे प्रचार
आरोपियों ने बताया कि वे घर बैठे पार्ट टाइम जॉब का ऑफर देकर लोगों को फंसाते थे। इसके लिए वे टेलिग्राम एप के जरिए प्रचार करते थे। कई अलग-अलग नाम से चैनल बनाए गए थे। चैनल से जुड़ने वाले लोगों को स्कीम समझाई जाती थी। फिर फोन करके उन्हें ऑनलाइन वेबसाइट पर सामान बेचने के बदले कमीशन देने का लालच दिया जाता था। शुरूआत में छोटी पूंजी लगवाई जाती थी और उसे कमीशन दिया जाता था। कम टाइम में ज्यादा मुनाफा देखकर लोग झांसे में आ जाते थे और फिर बड़ी रकम लगाते थे।
हसनगंज निवासी रितिका ने बताया कि उसे भी इसी तरह झांसा देकर दस लाख रुपये ठगे गए। आरोपी शुभंकर ने बताया कि लोगों से रुपये हड़पने के बाद वे नई वेबसाइट बना लेते थे।