गैर सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोत्तरी पर रोक के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस आईएस मेहता की डिवीजन बेंच ने अपने सिंगल बेंच के उस आदेश पर 8 अप्रैल तक अंतरिम रोक लगा दी थी, जिसमें सिंगल बेंच ने प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोत्तरी की अनुमति दी थी.
टीचर्स को वेतन देने के लिए फीस बढ़ाने की जरूरत
प्राइवेट स्कूलों का कहना था कि उन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक अध्यापकों व अन्य स्टाफ को वेतन देने के लिए फीस बढ़ाने की जरूरत है. दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यह आदेश केजरीवाल सरकार की पुनर्विचार याचिका पर दिया था. हाईकोर्ट ने गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल एक्शन कमेटी को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
दिल्ली सरकार ने स्कूलों को जारी किया था सर्कुलर
आपको बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने दिल्ली सरकार के 13 अप्रैल 2018 के सर्कुलर को रद्द करते हुए निजी स्कूलों को 15 मार्च को फीस वृद्धि की अनुमति दी थी. दिल्ली सरकार के सर्कुलर में कहा गया था कि जो स्कूल सरकारी जमीन पर चल रहे हैं, वह शिक्षा निदेशालय की अनुमति के बिना फीस वृद्धि नहीं कर सकते, यह आदेश केवल उन स्कूलों के लिए था जो सरकार से रियायती दरों पर मिली जमीन पर चल रहे हैं.
दिल्ली सरकार के सर्कुलर को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूल फीस वृद्धि के बाद वसूली जाने वाली फीस का ब्यौरा शिक्षा निदेशालय के समक्ष रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्कूल कैपिटेशन फीस के नाम पर फीस न वसूली जाए. कोर्ट ने यह आदेश गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की एक्शन कमेटी की याचिका पर दिया था. कमेटी ने दिल्ली सरकार के सर्कुलर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.