पश्चिम बंगाल में सोमवार को राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगने लगीं कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को राज्य पुलिस से ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा मिल सकती है. बहरहाल, राज्य सचिवालय और तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इस पर चुप्पी साध रखी है.
ऐसी भी अटकलें लगायी जा रही हैं कि प्रशांत किशोर 2021 के विधानसभा चुनावों के पहले ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. घटनाक्रम पर सीपीआईएम विधायक दल के नेता सुजान चक्रवर्ती ने पूछा कि राज्य सरकार के खर्चे पर किशोर को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा क्यों दी जा रही है, जबकि पश्चिम बंगाल के जनजीवन से उनका कोई संबंध ही नहीं है.
प्रशांत किशोर इन दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए काम कर रहे हैं. प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी के बीच कई दौर की बैठकें भी हुईं हैं. लोकसभा चुनाव में कामयाबी से बीजेपी के हौसले सातवें आसमान पर हैं और ममता बनर्जी जानती हैं बीजेपी कितना बड़ा खतरा बन चुकी है. इसलिए प्रशांत किशोर और उनकी टीम मिशन बंगाल में जुट गई है.
प्रशांत किशोर पहली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में चर्चा में आए थे जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी अभियान की जिम्मेदारी संभाली थी. चुनाव में पीएम मोदी को अपार सफलता मिली.
इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए रणनीति बनाई. हालांकि पार्टी को कोई खास सफलता नहीं मिली. प्रशांत किशोर ने साल 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के चुनावी कैंपेन की जिम्मेदारी संभाली.
‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’ जैसे नारे गढे. कहा जाता है कि लालू यादव और नीतीश कुमार को एक साथ लाने में भी प्रशांत किशोर ने अहम भूमिका निभाई.
2015 में आरजेडी और जेडीयू ने मिलकर भारी जीत हासिल की और नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुना गया. हालांकि, एक साल बाद नीतीश कुमार आरजेडी से अलग हो गए और दोबारा बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. सीएए और एनआरसी पर पार्टी लाइन से अलग बयान की वजह से जेडीयू ने प्रशांत किशोर को पार्टी से निकाल दिया.
प्रशांत किशोर की संस्था आई-पीएसी ने 2019 में ओडिशा में नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी के लिए और आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के लिए काम किया और दोनों ही दल सत्ता में हैं. प्रशांत किशोर ने हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए काम किया और उन्हें भी बंपर बहुमत मिला है.