इतिहास के सबसे बड़े श्रद्धालु समागम के गवाह बन चुके प्रयागराज महाकुंभ 2025 में अब तक 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में पुण्य स्नान कर चुके हैं और हर दिन लाखों की संख्या में लोग प्रयागराज आ रहे हैं जिसके चलते प्रयागराज में यातायात प्रबंधन पुलिस के लिये एक चुनौती साबित हो रहा है।
विशाल प्रवाह का प्रबंधन करना एक ऐतिहासिक कार्य
सूबे के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने कहा कि इस अभूतपूर्व मानवीय और वाहनों के प्रवाह को प्रबंधित करना किसी भी प्रशासन या पुलिस बल के लिए अब तक की सबसे कठिन चुनौती है। प्रयागराज का बुनियादी ढांचा अपनी अधिकतम क्षमता से आगे बढ़कर काम कर रहा है, और ऐसे में यातायात में देरी स्वाभाविक है। यह किसी प्रशासनिक असफलता का नहीं, बल्कि तीर्थयात्रियों की असाधारण संख्या का परिणाम है।
इसके बावजूद, यूपी पुलिस के हर सिपाही से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक, सभी दिन-रात अथक परिश्रम कर रहे हैं। वह श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन दे रहे हैं, सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं और शहर को सुव्यवस्थित बनाए रखने में अपनी पूरी शक्ति झोंक रहे हैं। इतने विशाल मानवीय प्रवाह का प्रबंधन करना एक ऐतिहासिक कार्य है। हमारे पुलिसकर्मी असाधारण धैर्य, समर्पण और निष्ठा का प्रदर्शन कर रहे हैं।
मैं अपने हर पुलिसकर्मी को सलाम करता हूं… प्रशांत कुमार
प्रशांत कुमार ने कहा कि आज दोपहर के प्रयागराज शहर और अंतर- जनपदीय सीमाओं के वीडियो दर्शाते हैं कि यातायात एक बार फिर लगभग सामान्य रूप से चल हो रहा है, जो यूपी पुलिस के अथक प्रयासों का स्पष्ट प्रमाण है। केवल आलोचना पर ध्यान देने की बजाय, यह भी देखना चाहिए कि हमारी पुलिस बल किस तरह से अभूतपूर्व समर्पण और संघर्ष के साथ इस ऐतिहासिक आयोजन को सफल बनाने में जुटा हुआ है। मैं अपने हर पुलिसकर्मी को सलाम करता हूं- वे सभी नायक हैं, जो हर दिन असंभव को संभव बना रहे हैं।
यह इतिहास रचने जैसा कार्य
दुनिया में कहीं भी ऐसी कोई मिसाल नहीं है कि किसी पुलिस बल ने इतनी विशाल मानव-आवाजाही और वाहनों के प्रवाह को इतनी दक्षता से प्रबंधित किया हो। यह सिर्फ एक आयोजन का संचालन नहीं, बल्कि इतिहास रचने जैसा कार्य है। यूपी पुलिस की रणनीतिक योजना, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और अथक सेवा इस आयोजन को वैश्विक मानक बना रही है। आने वाली पीढिय़ां इसे अनुशासन, समर्पण और कर्तव्य परायणता के प्रतीक के रूप में याद करेंगी।