- जेम पोर्टल से सबसे ज्यादा सरकारी खरीद में तीसरी बार यूपी नंबर वन
- प्रदेश सरकार की ओर से एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने वर्चुअली स्वीकार किया सम्मान
- इससे पहले भी केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवार्ड और 2019 में सुपर बायर अवार्ड से किया है सम्मानित
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति रंग ला रही है। जिस कारण राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को सराहा जा रहा है। जेम पोर्टल से सबसे ज्यादा सरकारी खरीद में तीसरी बार प्रदेश नंबर वन हुआ है। इससे पहले भी केंद्र सरकार ने प्रदेश को 2018 में बेस्ट बायर अवार्ड और 2019 में सुपर बायर अवार्ड से सम्मानित किया था। केंद्र सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2020-21 में जेम पोर्टल के माध्यम से सबसे अधिक खरीद करने वाले दो राज्यों को पुरस्कार दिया है। इसमें 4611 करोड़ की खरीदारी के साथ उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है और 1872 करोड़ की खरीदारी के साथ गुजरात दूसरे स्थान पर है।
जेम की पांचवीं वर्षगांठ पर सीआईआई के नेशनल पब्लिक प्रोक्योरमेंट 2021 को लेकर दो दिवसीय कांक्लेव का आयोजन किया गया था। इस दौरान उत्तर प्रदेश की ओर से आज अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल ने यह पुरस्कार वर्चुअली प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद में पारदर्शिता हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। प्रदेश में जेम पोर्टल के माध्यम से करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार पर रोक लगी है। साथ ही विभागीय खरीदारी में गुणवत्ता, पारदर्शिता, मितव्ययिता को तरजीह दी जा रही है, जिस कारण पोर्टल पर 12,672 सरकारी खरीदार हैं और एक लाख 98 हजार 552 विक्रेता हैं, इसमें 61,809 सूक्ष्म और लघु उद्यमी भी शामिल हैं। इन उद्योगों से सवा दो लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिला है। पिछले सवा चार सालों में सरकारी विभागों ने 12,765 करोड़ रुपए के 5,61,196 आर्डर दिए हैं। भारत सरकार के सीईओ जेम प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि सभी विजेताओं को शुभकामनाएं दीं। साथ ही उन्होंने जेम की तरफ से हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। इस दौरान भारत सरकार में यूपी के नोडल ऑफिसर केसी झा और जेम के चीफ फाइनेंस ऑफिसर राजीव कांडपाल आदि मौजूद थे।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में यूपी ने की रिकार्ड 4675 करोड़ की खरीदारी
विभिन्न विभागों ने प्रदेश में जेम पोर्टल से वित्तीय वर्ष 2017-18 में 602 करोड़, वित्तीय वर्ष 2018-19 में 1674 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2401 करोड़ रुपए की खरीदारी की, जो लगातार बढ़ते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 4675 करोड़ की खरीदारी की गई है। इस तरह वित्त वर्ष 2021-22 में 3363 करोड़ की खरीद की गई है।