दिल्ली- एनसीआर में बृहस्पतिवार को प्रदूषण के गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था ‘सफर’ ने लोगों के लिए चेतावनी जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि जरूरी होने पर ही लोग घरों से बाहर निकलें। साथ ही दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी लोगों के स्वास्थ्य के लिए हेल्थ अलर्ट जारी किया है। इसी बीच एक निजी समाचार चैनल पर दिल्ली एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया से तीसरी लहर को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि इसकी आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
दोबारा कोराना संक्रमित होने के सवाल पर उनका कहना था कि पहली बार संक्रमित होने के बाद इम्यूनिटी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आपको अगर एक बार कोरोना संक्रमित हो गए तो दोबारा नहीं होगा, ऐसा नहीं है। आपको ठीक होने के बाद भी मास्क पहनना, लोगों से दो गज की दूरी बनाकर रखना और किसी भी सामान को छूने के बाद अपने हाथों को साफ करने जैसी बातों का ध्यान रखना होगा।
उनका कहना था कि प्रदूषण ने कोरोना संक्रमण को और भी घातक बना दिया है। अभी आपको कोशिश करनी चाहिए कि जब तक बेहद जरूरी न हो घर से बाहर न निकलें। एक और सवाल के जवाब में उनका कहना था कि अगर दिल्ली की तरह ही पूरे देश में संक्रमितों के मामले में तेजी आ जाती तो हम मान सकते थे कि पूरे देश में तीसरी लहर ने दस्तक दे दी।
लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं है देश के बाकी हिस्सों में संक्रमितों की संख्या घट रही है, इसलिए इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। हां, इतना जरूर है कि अब बेहद सावधानी रखने का समय आ गया है और छोटी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है। इसके साथ ही लोगों को सलाह दी गई है कि केवल जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें। घरों के सभी खिड़की-दरवाजे बंद रखें और सुबह-शाम की सैर को कुछ समय के लिए बंद कर दें।
इससे पहले एम्स के पल्मोनरी विभाग के डॉक्टर करन मदान का भी बयान सामने आया था उनका कहना था कि राजधानी में प्रदूषण के मौजूदा हालात को देखते हुए स्वास्थ्य आपातकाल के हालात पैदा हो गए हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे विशेष तौर पर बाहर न निकलें। सामान्य व्यक्ति भी बहुत जरूरी होने पर ही घर से मास्क लगाकर निकलें। विशेषकर, अस्थमा के मरीजों को बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।