प्रदूषण के कारण भारत समेत पूरी दुनिया में 15 फीसद बढ़ी कोरोना से मौत की दर : रिसर्च

भारत समेत दुनिया में कोरोना महामारी का संकट गहराता जा रहा है। इस बीच वायु प्रदूषण के कारण भी परेशानियां बढ़ रही है। कोरोना वायरस के कई मरीजों की मौत सांस से जुड़ी बीमारी के कारण होती हैं। ऐसे में प्रदूषण कोरोना से मौत का एक प्रमुख कारक बन सकता है। इस बीच एक शोध में खुलासा किया गया है कि प्रदूषण के कारण भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना से 15 फीसद तक मौतें बढ़ी हैं। एक प्रमुख वैश्विक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि दुनियाभर में वायु प्रदूषण के दीर्घकालिक जोखिम से दुनिया में कोरोना से मौतें 15 फीसद तक बढ़ी हैं।

कार्डियोवास्कुलर रिसर्च जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यूरोप में प्रदूषण से कोरोना मौत का अनुपात लगभग 19 प्रतिशत था, उत्तरी अमेरिका में यह 17 प्रतिशत और पूर्वी एशिया में यह लगभग 27 प्रतिशत था। जर्मनी में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के अध्ययन लेखक जोस लेलिवल्ड ने कहा कि चूंकि कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या हर समय बढ़ रही है, इसलिए प्रति देश कोरोना से मौतों की सटीक या अंतिम संख्या देना संभव नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि एक उदाहरण के रूप में, यूके में 44,000 से अधिक कोरोना वायरस मौतें हुई हैं और हमारा अनुमान है कि वायु प्रदूषण के कारण इसमें 14 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है, जिसका मतलब है कि ब्रिटेन में 6100 से अधिक मौतों की मौत वायु प्रदूषण के कारण हो सकती है।

शोधकर्ताओं ने वायु प्रदूषण पर पिछले कोरोना आंकड़ों पर अमेरिकी और चीनी अध्ययन और 2003 में SARS प्रकोप से महामारी संबंधी डेटा का उपयोग किया, जो इटली के अतिरिक्त डेटा द्वारा समर्थित है। उन्होंने इसे उपग्रह डेटा के साथ संयुक्त रूप से प्रदूषित ठीक कणों को वैश्विक जोखिम दिखाते हुए दिखाया, जिन्हें ‘पार्टिकुलेट मैटर’ के रूप में जाना जाता है जो कि 2.5 माइक्रोन से कम या इसके बराबर है (जिसे पीएम 2.5 के रूप में जाना जाता है) कोरोना वायरस मृत्यु के अंश की गणना करने के लिए एक मॉडल बनाने के लिए PM2.5 के लिए लंबी अवधि के जोखिम के लिए जिम्मेदार है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com