हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के पूर्व सीएम मनोहर लाल को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने हरियाणा में भाजपा के लिए सबसे बड़ी जीत हासिल की है।
हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल को केंद्र में मंत्री बनाया गया है। हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद मनोहर लाल को विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। हरियाणा में भाजपा से पांच प्रत्याशी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। इनमें सबसे बड़े अंतर से मनोहर लाल ने जीत दर्ज की थी।
हालांकि मनोहर लाल को पूर्व सांसद संजय भाटिया से बहुत कम वोट मिले और जीत का अंतर भी उनके मुकाबले बहुत कम रहा। करनाल लोकसभा से उन्होंने जीत दर्ज की है। मनोहर लाल को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पहली पंक्ति में जगह मिली।
पहली बार विधायक बनते ही सीएम का पद, अब पहली बार सांसद बनते ही मंत्री पद
मनोहर लाल 2014 में पहली बार करनाल से विधायक बने, उन्हें हरियाणा में मुख्यमंत्री का पद मिल गया। उसके बाद 2019 में फिर से वह करनाल से चुनाव जीते और उनके नेतृत्व में भाजपा बहुमत के आंकड़े से पिछड़ गई। उन्हें यहां दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी का सहारा लेना पड़ा और साढ़े चार साल तक गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री रहे। लोकसभा चुनाव से पहले उनको अचानक सीएम से पद हटा दिया गया और लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया। मनोहर लाल ने आसानी से चुनाव जीत लिया और उन्हें पहली बार सांसद बनते ही मोदी कैबिनेट में जगह दी गई है।
विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिए मंथन कर रही भाजपा
करनाल लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक वाले हलकों में भाजपा चुनाव तो जीत गई पर शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाई। नौ में से चार हलकों में भाजपा की जीत का अंतर 20 हजार से कम ही रहा। इनमें इसराना विधानसभा क्षेत्र में 6770 और असंध में महज 1154 वोट से ही भाजपा को बढ़त मिली। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को यहां से जीत के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी। इसके लिए भाजपा की ओर से मंथन करते हुए तैयारियां भी की जा रही हैं।
करनाल से संसद पहुंचने वाले मनोहर तीसरे पूर्व सीएम
लोकसभा सीट करनाल से चुनाव जीतकर संसद पहुंचने वाले मनोहर लाल प्रदेश के तीसरे पूर्व मुख्यमंत्री हैं। इनसे पहले प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री भगवत दयाल शर्मा और भजन लाल यहां से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंच चुके हैं। मनोहर लाल के चुनाव जीतने से अब करनाल सीट का जातीय वर्चस्व भी बदला है। शुरुआत से ब्राह्मणों के वर्चस्व वाली मानी जाने वाली यह सीट लगातार तीसरी बार पंजाबी नेता की जीत पर अब पंजाबी मानी जाने लगी है।
नए सांसद मनोहर लाल करनाल से ही दो बार विधायक का चुनाव जीतकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। जबकि इससे पहले 1977 में हरियाणा के प्रथम मुख्यमंत्री भगवत दयाल शर्मा यहां से बड़े अंतर से चुनाव जीते थे। इसके बाद 1998 में भजन लाल यहां से चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचे थे, वे इससे पहले 1996 तक तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। बाद में 1998 में उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर करनाल से चुनाव लड़ते हुए भाजपा के आईडी स्वामी को हराया था। 1999 के चुनाव में आईडी स्वामी ने उन्हें परास्त किया तो 2009 में उन्होंने हिसार से चुनाव लड़ा था। अब मनोहर लाल कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा को मात देकर दिल्ली पहुंचे हैं।
2024 के चुनाव में मनोहर लाल ने यहां सांसद बने पिछले दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों से ज्यादा वोट भी लिए हैं पर वे भगवत दयाल शर्मा के जीत के रिकाॅर्ड को नहीं तोड़ पाए हैं। मनोहर लाल को इस बार के चुनाव में 739285 वोट मिले हैं, जबकि 1977 के चुनाव में भगवतदयाल को 340961 और 1998 के चुनाव में भजन लाल को 327750 वोट मिले थे यानी मनोहर लाल को इनसे करीब दो गुने वोट मिले हैं। ब्यूरो
भगवत दयाल के नाम जीत का बड़ा रिकॉर्ड
वहीं जीत के अंतर पर निगाह डालें तो करनाल लोकसभा सीट पर केवल भगवत दयाल के नाम पर ही सबसे बड़े अंतर से जीत का रिकॉर्ड है। 1977 के चुनाव में 276836 यानी कुल वोट के 66.57 प्रतिशत मतों से जीते थे। वहीं 1998 के चुनाव में भजन लाल महज 06.53 प्रतिशत यानी 52061 वोटों से जीते थे। 2019 के चुनाव में सांसद बने संजय भाटिया भी भगवतदयाल से वोट तो काफी ज्यादा ले गए थे पर जीत का अंतर 50.40 प्रतिशत ही रहा था। मनोहर लाल की जीत 17.28 प्रतिशत यानी 232577 वोट के अंतर से हुई है।
लगातार तीसरे पंजाबी सांसद मनोहर लाल
करनाल सीट पर अब तक हुए 18 लोकसभा चुनावों में 12 बार ब्राह्मण नेता ही जीत दर्ज कर पाए हैं। शुरुआत से लेकर 2009 तक यह सीट ब्राह्मणों के वर्चस्व वाली मानी गई है। 2014 से लेकर अब तक मनोहर लाल लगातार ऐसे तीसरे सांसद हैं, जो पंजाबी समुदाय से आते हैं। 2014 में अश्वनी चौपड़ा और 2019 में संजय भाटिया चुनाव जीत चुके हैं। जबकि ब्राह्मणों में स्वामी रामेश्वरानंद, माधो राम शर्मा (दो बार), भगवत दयाल शर्मा, चिरंजीलाल शर्मा (चार बार), आईडी स्वामी (दो बार) और अरविंद शर्मा (दो बार) सांसद बने।
नायब सैनी से 4986 वोट कम मिले
लोकसभा सीट करनाल से सांसद बने पूर्व सीएम मनोहर लाल अपने विधानसभा क्षेत्र करनाल में वोटों के मामले में सीएम नायब सैनी से पीछे रह गए। उन्हें उपचुनाव के प्रत्याशी सीएम नायब सैनी से 4986 वोट कम मिले। जबकि करनाल विधानसभा क्षेत्र में प्रत्येक बूथ और पूरे हल्के का मतदान प्रतिशत उपचुनाव और लोकसभा का बराबर था, फिर भी सीएम नायब की तुलना में कम लोगों ने मनोहर लाल के पक्ष में मतदान किया।
केवल करनाल विधानसभा सीट पर जीत के अंतर के आंकड़े देखें तो 2014 और 2019 के मुकाबले यह भी घटा है। उपचुनाव में नायब सैनी यहां से चुनाव जीतकर विधायक तो बन गए हैं पर वे मनोहर लाल की जीत के पिछले रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए।
इधर, लोकसभा क्षेत्र में स्थिति देखें तो सांसद बने मनोहर लाल को करनाल की बजाय पानीपत में ज्यादा वोट मिले हैं। उनके पक्ष में सभी नौ हलकों में सबसे ज्यादा पानीपत ग्रामीण में 108942 वोट मिले, जबकि पानीपत शहरी से वे सर्वाधिक अंतर 58832 वोट से चुनाव जीते, यहां उन्हें 96747 वोट मिले। वहीं उनका अपना विधानसभा क्षेत्र करनाल उनके पक्ष में मतदान और जीत के अंतर में तीसरे नंबर पर रहा। यहां मनोहर लाल को 90018 वोट मिले और 34624 वोट के अंतर से जीते। जबकि यहीं पर उपचुनाव में सीएम नायब सैनी को 95004 वोट मिले, जोकि मनोहर लाल से 4986 अधिक हैं। करनाल विधानसभा क्षेत्र में कुल 262821 में से 152161 यानी 57.90 प्रतिशत मतदान हुआ। ब्यूरो
वोट ज्यादा ले गए पर रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए सीएम
करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा के सीएम नायब सैनी को 94714 वोट मिले और 41483 वोटों से जीते। जबकि 2019 में भाजपा के मनोहर लाल को 79906 वोट मिले और 48188 मतों से जीते थे, इससे पहले 2014 के चुनाव में उन्हें 82485 वोट मिले और 63775 वोटों से जीत दर्ज की थी। नायब सैनी को भी 2014 के मुकाबले वोट ज्यादा मिले हैं पर जीत का अंतर कम रहा है, वे मनोहर लाल का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए।
करनाल लोकसभा क्षेत्र में कहां कितने अंतर से जीते मनोहर लाल
विधानसभा क्षेत्र
वोट अंतर
पानीपत शहरी
58832
पानीपत ग्रामीण
47690
करनाल
34624
घरौंडा
32138
इंद्री
21915
समालखा
18337
नीलोखेड़ी
10885
इसराना
6770
असंध
1154