पूर्व विधायक थे निशाने पर, साथी बन गया शिकार!

पूर्व विधायक थे निशाने पर, साथी बन गया शिकार!

खैर कस्बे में गुरुवार देर शाम जो कुछ हुआ, उसके लिए जितने मुंह उतनी बात हो रही हैं। मगर सबसे खास बात यह है कि इस घटना में निशाना बसपा के पूर्व विधायक व जिले के प्रमुख उद्यमी प्रमोद गौड़ थे। यह बात जहां खुद पूर्व विधायक स्वीकार रहे हैं और पुलिस भी दबी जुबां से मान रही है।पूर्व विधायक थे निशाने पर, साथी बन गया शिकार!

 

 यह अलग बात है कि हमलावरों ने निशाना प्रमोद गौड़ के बजाय उनके सबसे करीबी प्रमुख व्यापारी विजय गंगल पर साध दिया। अब बात इस हत्याकांड व प्रमोद गौड़ पर निशाने के पीछे के कारणों की करें तो यह इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट से लेकर इलाके की सियासत में वर्चस्व तक को जोड़ा जा रहा है। पिछले कुछ समयांतराल में ऐसे घटनाक्रम हुए हैं, जो इस तरफ इशारा कर रहे हैं। या यह भी कहा जा रहा है कि इन घटनाक्रमों के बीच कोई तीसरा हाथ साफ कर गया। फिलहाल पुलिस जांच की बात कह रही है।

हमलावरों ने बात करके मारी गोली
अब तक की पुलिस जांच में यह बात उजागर हुई है कि जिस वक्त प्रमोद गौड़ व अन्य मित्रगण विजय गंगल के प्रतिष्ठान में अंदर बैठे थे। तभी गंगल टॉयलेट के लिए बाहर आए। बाहर आने पर उनसे कोई बात करने लगा। वह तो बात करते हुए चला गया, मगर तभी दो बाइकों पर कुछ लोग आए। इनमें से एक गंगल से बात करने लगा। यानि उसने यह जानने की कोशिश की कि यही गंगल हैं। इसके बाद पीछे खड़े हमलावरों ने फायरिंग कर दी। इससे यह भी लग रहा है कि हमलावर गंगल को ही मारना चाह रहे थे। अगर ऐसा है तो यह भी चर्चा है कि गंगल की हत्या कर प्रमोद गौड़ को कमजोर करने की कोशिश की गई है। 

नीली शर्ट के फेर में धोखा खा गए हमलावर
प्रमोद गौड़ ने इस हत्याकांड को लेकर अमर उजाला से बातचीत में कहा कि हत्या तो मेरी होनी थी। गंगल बेहद सीधे व निर्विवाद व्यक्ति थे। उनका किसी से कोई विवाद नहीं था। वह मेरे बेहद करीबी और पारिवारिक सदस्य थे। उनको कोई क्यों मारेगा। जो कुछ पिछले कुछ दिनों से कस्बे में चल रहा है। उससे यही समझ में आया है कि हत्या मेरी होनी थी। मैं और गंगल लगभग एक जैसे नीले रंग की शर्ट पहने हुए थे। इसी फेर में गलतफहमी में हमलावर गंगल की हत्या कर गए। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कस्बे के कुछ सियासी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले (एक नेता का खुलकर नाम लेते हुए) लोग इस साजिश के पीछे शामिल हैं। बेशक अज्ञात में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। मगर पुलिस को उन आपराधिक सियासी लोगों के विषय में व उनका नाम बता दिया गया है। जल्द ही सब कुछ साफ हो जाए।

मौके पर नहीं मिला कोई खोखा या कारतूस
हत्याकांड के बाद पुलिस ने सीसीटीवी के अलावा मौका-ए-वारदात पर काफी देर तक सुराग की तलाश में खोखा या कारतूस तक खोजने की कोशिश की। मगर पुलिस को कुछ नहीं मिला। कहा जा रहा है कि बगल में नाले के कारण वहां कुछ नहीं मिला होगा।

इन विवादों पर केंद्रित पुलिस की पड़ताल
इसके पीछे यह कहा जा रहा है कि एक तरफ खैर इंटर कॉलेज इलाके के प्रतिष्ठित लोगों का केंद्र है। इसमें गंगल बेशक प्रबंधक थे, मगर वर्चस्व प्रमोद गौड़ का है, क्यों कि वह इस कॉलेज की समिति में सदस्य भी हैं। वह जो चाहते हैं, वही होता है। गंगल की हत्या कर प्रमोद गौड़ को कमजोर करना मकसद रहा होगा। दूसरा बीते चार-पांच रोज में एक नाले का विवाद भी उभरा है। इंटर कॉलेज मैदान से जुड़े नाले को खुलवाने पर एक तरफ प्रमोद गौड़ और उनकी टीम व दूसरी ओर कस्बे के दूसरे सियासी लोग आमने सामने आ गए थे। इसके अलावा तीसरी वजह जिले में सबसे ज्यादा प्रतिष्ठापूर्ण रहे खैर चेयरमैनी के चुनाव में पक्ष प्रतिपक्ष के दौरान हुए विवाद भी माने जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य विवादों को पुलिस खोजने का काम कर रही है।

घटनास्थल से लेकर मेडिकल तक उमड़ी भीड़
हत्याकांड के बाद एक तरफ जहां पूरे कस्बे के व्यापारियों व लोगों का जमावड़ा मौके पर लग गया। खैर कस्बा पुलिस के अलावा बाद में एसएसपी आदि अधिकारी पहुंचे। इसके बाद जब यह खबर कस्बे में फैली कि गंगल की मौत हो चुकी है तो वहां से तमाम व्यापारियों का मेडिकल कॉलेज पहुंचना शुरू हो गया। वहां भी लोगों का घंटों मजमा लगा रहा। तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं।

व्यापारी विजय गंगल हत्याकांड को बेहद सोच समझकर प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया है। यह बात खुद पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ स्वीकार रहे हैं कि हमलावरों का निशाना वह थे। मगर जांच में यह भी सामने आ रहा है कि हमलावरों ने गंगल से बात कर उनको गोली मारी है। फिलहाल कॉलेज मैनेजमेंट से लेकर कस्बे के अन्य तरह के विवादों पर जांच की जा रही है। कुछ प्रतिष्ठित लोगों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। उसे भी जांच के दायरे में लाया जा रहा है। जो जांच में स्पष्ट होगा, उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी। -राजेश पांडेय, एसएसपी

 

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