पूर्व मंत्री का नाती नहीं हो सका गिरफ्तारी….अब कुर्की की तैयारी

पूर्व मंत्री का नाती पुलिस के हाथ नहीं लग सका है। पुलिस द्वारा कई स्थानों पर दबिशें भी दी गईं, लेकिन नतीजा शून्य निकला। अब पुलिस कुर्की के लिए  कोर्ट में प्रार्थना पत्र देने की तैयारी कर रही है। 

आगरा में पूर्व मंत्री चौधरी उदयभान सिंह के पौत्र दिव्यांश चौधरी को गिरफ्तार न करने पर पुलिस ने अब कुर्की की तैयारी की है। दिव्यांश जानलेवा हमले के मामले में फरार है। पुलिस सोमवार को कुर्की के लिए धारा 82 के तहत कोर्ट में प्रार्थनापत्र देने जा रही है। उधर, पंजाबी समाज के दिए अल्टीमेटम की अवधि भी खत्म हो गई। समाज के लोग आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। दूसरी ओर पुलिस का दावा है कि आरोपी की तलाश में टीमें लगी हैं।

ऋषि मार्ग, शाहगंज में 15 अप्रैल को जूता कारोबारी विवेक महाजन और उनकी बेटी को कुचलने का प्रयास किया गया था। उन्होंने दिव्यांश चौधरी के खिलाफ मुकदमा लिखाया। इसके पहले फरवरी में भी उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था मगर कार्रवाई नहीं हुई थी। पीड़िता के परिजन ने आरोप लगाया कि आरोपी पूर्व मंत्री का पौत्र है, इसलिए बेखौफ है। पूर्व मंत्री भी अपने पौत्र के बचाव में सामने आए थे। प्रेसवार्ता में उन्होंने कारोबारी और उनकी बेटी पर ही गंभीर आरोप लगाए थे।

इसके बाद पुलिस ने दिव्यांश पर 25 हजार का इनाम घोषित किया। कोर्ट भी आरोपी का अग्रिम जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर चुकी है। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि गिरफ्तारी के लिए सर्विलांस और एसओजी को लगाया गया है। शनिवार को भी पुलिस ने दबिश दी। आरोपी राजनीतिक परिवार से है। कानूनी दांवपेच जानता है। पुलिस कोर्ट में 82 (कुर्की उद्घोषणा) के लिए प्रार्थनापत्र देगी। आदेश मिलते ही आरोपी के ठिकानों पर मुनादी पिटवाई जाएगी।

रसूखदारों को बचने का मौका दे रही पुलिस
आगरा। यह पहला मामला नहीं है जब पुलिस ने रसूखदार आरोपी को बचाव के लिए समय नहीं दिया हो। इसके पहले बोदला के चर्चित जमीन कांड में डकैती के मुख्य आरोपी कमल चौधरी और धीरू चौधरी की गिरफ्तारी भी पुलिस नहीं कर पाई थी। गैर जमानती वारंट लिए। इनाम घोषित किया। लेकिन अंतत: दोनों गिरफ्तारी पर स्थगनादेश ले आए। इसी तरह दबिश के दौरान सिकंदरा में अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के मामले में भी अधिवक्ताओं के आंदोलन के बाद भी आरोपियों की धरपकड़ के लिए प्रयास नहीं किया। इस मुकदमे में तत्कालीन थाना प्रभारी न्यू आगरा सहित कई पुलिसकर्मी नामजद हैं। नतीजा रहा कि जांच ही सीबीसीआईडी को ट्रांसफर हो गई।

समझौते के लिए बनाया जा रहा दबाव
पीड़ित युवती के पिता इन दिनों भयभीत हैं। लगातार लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं। इस मामले में समझौते करने की सलाह दे रहे हैं। उन्होंने भी ठान लिया है कि सम्मान के लिए लड़ना है। वह आरोपी को जेल भिजवाकर ही दम लेंगे। अदालत में आरोपी की जमानत का विरोध करने के लिए उन्होंने पैरवी भी की थी।

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