मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब्बास अंसारी को नहीं मिली जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने ट्रायल कोर्ट को मामले की सुनवाई जल्द पूरा करने का आदेश दिया और जमानत देने की याचिका ठुकरा दी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी विधायक अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी। न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी पर दिया। अंसारी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज कराए गए मामले में जमानत पर रिहा करने का आग्रह किया था।

ईडी के केस में आरोप हैं कि अंसारी ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए दो फर्मों का इस्तेमाल किया। जिसमें कथित जालसाजी, धोखाधड़ी, और फर्जीवाड़ा करके बड़ी रकम इधर से उधर की गई। इसमें काफी बड़ी राशि को अंसारी के खाते में जमा किया गया और निकाला गया। जिसका वह स्रोत नहीं बता सके। ईडी के अधिवक्ता ने इस दलील के साथ अंसारी की जमानत अर्जी का विरोध किया।

उधर, आरोपी अंसारी की ओर से अधिवक्ता ने दलील दी कि अंसारी का मेसर्स विकास कंस्ट्रक्संस फर्म से कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध नहीं था। न ही उन्हें कथित अपराध की जानकारी थी। कहा कि कुछ रकम अंसारी के खाते में उनकी माता या चाचा के जरिए जमा की गई। जिसका इस्तेमाल प्रतियोगिता के लिए असलहे आयात करने में किया गया। जिसे अब्बास अंसारी द्वारा अपराध की दिशा में कार्यवाही नहीं माना जा सकता।

कोर्ट ने इस दलील को यह कहते हुए अविश्वसनीय माना कि अब्बास मौजूदा विधायक और चुने गए जनप्रतिनिधि हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि पहली नजर में कोर्ट संतुष्ट नहीं है कि अब्बास अंसारी दोषी नहीं है या जमानत मिलने पर अपराध नहीं कर सकेगा। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने अब्बास अंसारी को जमानत देने से इन्कार कर दिया। साथ ही ट्रायल कोर्ट को मामले का विचारण जल्द पूरा करने का आदेश दिया।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com