पुलिस लाइंस में तैनात दारोगा चंद्र सहाय पाल ने बुधवार की रात अपने घर में गले में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। वह मूलरूप से मैनपुरी के रहने वाले थे। यहां तैनाती के दौरान धतौरिया मार्ग पर श्याम बिहार में उन्होंने अपना मकान बनवा लिया था। यहीं परिवार के साथ रहते थे। लंबे समय से टीवी की बीमारी से पीड़ित चल रहे थे।
तीन साल से जिले में थे तैनात
मैनपुरी के कुरावली क्षेत्र के देवीनगर निवासी चंद्र सहाय पाल पुलिस विभाग में दारोगा के रूप में करीब तीन साल से जिले में ही तैनात थे। उन्होंने यहां धतौरिया मार्गपर श्याम बिहार में मकान बनवा लिया था। पत्नी का निधन हो चुका था। दो पुत्रों में बड़े अंशुल की शादी कर चुके थे। छोटा बेटा पढ़ रहा है, बेटी की भी शादी कर चुके थे।
बेटा अंशुल ने बताया कि पिता लंबे समय से टीवी की बीमारी से परेशान थे। वह गाड़ी बुकिंग पर चलाता है। बुधवार को वह बुकिंग लेकर गया था। तड़के साढ़ी तीन बजे लौटा तो उसकी पत्नी ने दरवाजा खोला। घर में प्रवेश के बात जब वह पिता की कमरे में घुसा तो वह दरवाजे की चौखट पर चादर से गले में फंदा लगाकर लटके हुए थे। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव का उतरवाया और पोस्टमार्टम को भिजवाया। दारोगा चंद्र सहाय पाल यहां ट्रैफिक पुलिस में भी तैनात रहे हैं।