पुलवामा मे हुए आतंकी हमले ने हिंदुस्तान की रूह को झकझोर के रख दिया है। भारतीय जनता पकिस्तान से बदले की मांग को लेकर सड़को पर उतर चुकी है। हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पुलवामा मे हुए हमले से पाकिस्तान का कोई भी लेना देना नहीं है। इसी कड़ी मे भारतीय सरकार ने पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
आतंकी हमले के दूसरे ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा कदम उठाते हुए कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने का फैसला लिया।
वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान को आर्थिक स्तर पर चोट पहुंचाने के लिए पाकिस्तान के सभी आयातों पर 200 प्रतिशत की ड्यूटी लगा दी गई है।
मोदी सरकार के इस कदम से पाकिस्तान से किसी भी सामान का भारतीय बाजारों मे अपना रास्ता खोजना लगभग असंभव हो जाएगा। रविवार को जम्मू कश्मीर मे हुई हालिया कार्रवाई मे लगभग सभी अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई।
पुलवामा मे हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने विदेशी कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ विश्व के सभी बड़े देशों के साथ जानकारी साझा की है।
खबर है की आने वाले समय मे पाकिस्तान को विदेश मंत्रालय द्वारा वैश्विक स्तर पर अलग-थलग किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार आतंकी हमले में पाकिस्तान की आईएसआई और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठनों से जुड़े सबूत जुटा कर डॉजियर तैयार कर उसे संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान को देने की तैयारी कर रही है।
पुलवामा हमले के बाद प्रधानमन्त्री मोदी ने इस हमले को अंजाम देने वाले को चेतावनी दी थी की उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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