प्रस्तावित विस्फोटक विधेयक 2024 में कहा गया है कि केंद्र सरकार नए अधिनियम के तहत लाइसेंस देने निलंबित करने रद्द करने अथवा कुछ अन्य कार्य करने के लिए सक्षम प्राधिकारी निर्धारित करेगी। वर्तमान में डीपीआइआइटी के अधीन पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) के पास किसी भी विस्फोटक के निर्माण प्रयोग बिक्री आयात और निर्यात के लिए लाइसेंस देने का अधिकार है।
कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के लिए सरकार 1884 के मौजूदा विस्फोटक अधिनियम को नए कानून से बदलने की योजना बना रही है। प्रस्तावित मसौदे में प्रविधानों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा और बड़ी जुर्माना राशि का प्रस्ताव किया गया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआइआइटी) ने प्रस्तावित विस्फोटक विधेयक 2024 के मसौदे पर सुझाव मांगे हैं।
प्रस्तावित विस्फोटक विधेयक 2024 में कहा गया है कि केंद्र सरकार नए अधिनियम के तहत लाइसेंस देने, निलंबित करने, रद्द करने अथवा कुछ अन्य कार्य करने के लिए सक्षम प्राधिकारी निर्धारित करेगी। वर्तमान में डीपीआइआइटी के अधीन पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) के पास किसी भी विस्फोटक के निर्माण, प्रयोग, बिक्री, आयात और निर्यात के लिए लाइसेंस देने का अधिकार है।
नए विधेयक में कई प्रस्ताव जोड़े जाएंगे
नए विधेयक में यह भी प्रस्ताव है कि लाइसेंसिंग प्राधिकारी लाइसेंस में विस्फोटक की मात्रा के साथ स्पष्ट करेगा और नियत अवधि तक लाइसेंसधारक विस्फोटक का निर्माण, भंडारण, बिक्री, परिवहन, आयात या निर्यात कर सकता है। यदि कोई निर्माण, आयात व निर्यात का लाइसेंसधारक किसी भी प्रविधान का उल्लंघन करता है तो मसौदा विधेयक में तीन साल कैद या एक लाख रुपये का जुर्माना अथवा दोनों का प्रस्ताव किया गया है।
मौजूदा विस्फोटक अधिनियम में उल्लंघन पर तीन साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान है। इसी प्रकार विस्फोटको के भंडारण, बिक्री अथवा परिवहन में प्रविधानों का उल्लंघन करेने पर नए विधेयक में दो साल तक की जेल या 50 हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रस्ताव किया गया है।
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