हांगझु। एनएसजी पर भारत के साथ कई देश खड़े हैं। अमेरिका, रूस के अलावा कई अन्य महाशक्तियां भारत को एनएसजी में एंट्री देने के पक्ष में हैं। वहीं पीएम मोदी के सामने ही चीन को जापान ने भी अपना रुख साफ करते हुए जवाब दिया है। जापान ने कहा है कि हमें एनएसजी में भारत की जरूरत है।
पीएम मोदी के साथ जापान
आपको बता दें कि चीन के अड़ियल रुख के कारण ही हिंदुस्तान एनएसजी देशों में शामिल नहीं हो सका। वहीं अब जापान ने यह कहकर चीन को बड़ा झटका दे दिया है। जापान ने कहा है कि भारत की सदस्यता और एनएसजी में मौजूदगी से परमाणु अप्रसार को बढ़ावे में मदद मिलेगी।
सोल बैठक के बाद पहली बार जापान ने इस मुद्दे पर आधिकारिक टिप्पणी की है। जापानी विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि हम एनएसजी में सदस्यता को संभव बनाने के लिए भारत के साथ लगातार काम कर रहे हैं। जापानी विदेश मंत्रालय के एक और शीर्ष अधिकारी और साउथवेस्ट एशिया डिविजन में सीनियर रीजनल कॉर्डिनेटर मासायुकि तागा ने कहा कि भारत की सदस्यता से परमाणु अप्रसार को बढ़ावा देने में जापान को मदद मिलेगी।
भारत की दावेदारी का समर्थन करते हुए भी जापान परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) को लेकर अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। कावमोरा ने कहा कि जापान सामान्य भावना के साथ भारत को इस समझौते पर दस्तखत करने को कहता रहेगा। हालांकि, टोक्यो ने एनएसजी में एंट्री के लिए भारत की मदद की राह में उसके एनपीटी पर दस्तखत नहीं करने वाले राष्ट्र के दर्जे को बाधक नहीं बनने दिया।