प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से सोशल मीडिया पर जारी किया गया 1.47 मिनट का वीडियो न सिर्फ पक्षियों, बल्कि प्रकृति के साथ भी उनकी निकटता का एहसास कराता है। यह पहला मौका नहीं है, जब पीएम मोदी का प्रकृति से लगाव देश-दुनिया के सामने आया है, बल्कि पूर्व में भी ऐसा कई बार हो चुका है।

प्रधानमंत्री आवास की हरियाली जहां आंखों को ठंडक प्रदान करती है, वहीं पीएम मोदी ने पक्षियों के लिए खास संरचनाओं का भी निर्माण कराया है। बिल्कुल वैसी संरचनाएं जैसी गांव में उपलब्ध होती हैं और जहां पक्षी अपना घोंसला बनाना पसंद करते हैं। पीएम मोदी की दो किताबें भी पर्यावरण और प्रकृति के प्रति उनके लगाव को बयां करती हैं। इनके नाम हैं, ‘कनविनिएंट एक्शन : गुजरात्स रिस्पांस टू चैलेंजेज ऑफ क्लाइमेट चेंज तथा कनविनिएंट एक्शन : कम्युनिटी फॉर चेंज’।
पीएम मोदी की गुजराती कविताओं के संग्रह ‘आंख आ धान्या चे’ का कई भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है। जब दुनिया जलवायु परिर्वतन पर बात कर रही है तब पीएम मोदी जलवायु न्याय की बात करते हैं। वह जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए मानवीय मूल्यों को अपनाने पर बल देते हैं। प्रकृति से लगाव का एक श्रेष्ठ उदाहरण सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी की तरफ से की गई ‘इंटरनेशनल सोलर एलायंस’ की पहल है।
बेयर ग्रिल्स के शो ‘मैन वर्सेस वाइल्ड’ में भी वह प्रकृति के साथ मधुर संबंधों की वकालत करते हैं और इस संबंध में भारतीय मूल्यों को पूरी दुनिया के सामने रखते हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य में जलवायु परिवर्तन विभाग बनाया था। ऐसा करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य था। केदारनाथ यात्रा के दौरान भी उन्होंने आध्यात्म व प्रकृति प्रेम का अनूठा उदाहरण पेश किया था।
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