लोकपाल नियुक्ति को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर फिर सवाल खड़े किए है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे लेकर प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने लोकपाल नियुक्ति कमेटी में उन्हें विशेष आमंत्रित के रुप में शामिल किए जाने को लेकर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कहा है कि जब लोकपाल नियुक्ति के नियमों में विशेष आमंत्रित की कोई व्यवस्था नहीं है। उसे वोट या सुझाव देने का कोई अधिकार नहीं है, तो फिर उनकी इस भागीदारी का औचित्य ही क्या है? उन्होंने सरकार के इस कदम को देश को गुमराह करने वाला बताया है।
कांग्रेस नेता खड़गे को इससे पहले भी लोकपाल नियुक्ति समिति में विशेष आमंत्रित के रूप में शामिल होने का न्योता दिया गया था। जिसका उन्होंने इन्हीं आधारों का हवाला देते हुए बहिष्कार कर दिया था। सरकार की ओर से हाल ही में फिर से एक पत्र मिलने के बाद उन्होंने इस मुद्दे पर यह चिट्ठी लिखी है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा है कि लोकपाल नियुक्ति में की जा रही इस देरी से साफ है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मन से नहीं लड़ना चाहती है।
गौरतलब है कि मौजूदा नियमों के तहत लोकपाल की नियुक्ति प्रक्रिया में लोकसभा में विपक्ष के नेता ही शामिल हो सकते है। जबकि विपक्ष के नेता का चुनाव उसी पार्टी से हो सकता है, जिसकी लोकसभा में सदस्य संख्या करीब 55 हो या कुल सदस्य संख्या का 10 फीसद हो। मौजूदा समय में लोकसभा में विपक्ष के किसी भी पार्टी के पास यह आंकड़ा नहीं है।
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