प्रमुख सचिव गगनदीप सिंह बेदी ने कहा कि उन्होंने पहली बार अगस्त में देखा कि इस योजना में असामान्य रूप से लाभार्थियों की संख्या बढ़ गई है. ऐसा खासकर 13 जिलों में हुआ. बेदी ने कहा कि 18 लोगों को, जो एजेंट या दलाल थे, गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि एग्रीकल्चर स्कीम से जुड़े 80 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है और 34 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है.
ऐसे दिया इस फ्रॉड को अंजाम
एग्रीकल्चर विभाग के अधिकारियों ने ऑनलाइन आवेदन अनुमोदन प्रणाली का उपयोग किया था और कई लाभार्थियों को अवैध रूप से जोड़ा था. मॉडस ऑपरेंडी में सरकारी अधिकारी शामिल थे, जो नए लाभार्थियों में जुड़ने वाले दलालों को लॉगिन और पासवर्ड प्रदान करते थे और उन्हें 2000 रुपये देते थे.
110 करोड़ रुपये में से 32 करोड़ की हुई वसूली
सरकार ने अभी 110 करोड़ रुपये में से 32 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है. तमिलनाडु सरकार का दावा है कि बाकी पैसे अगले 40 दिनों के भीतर वापस आ जाएंगे. कल्लाकुरिची, विल्लुपुरम, कुड्डलोर, तिरुवन्नमलाई, वेल्लोर, रानीपेट, सलेम, धर्मपुरी, कृष्णगिरि और चेंगलपेट जिले ऐसे थे, जहां घोटाले हुए. अधिकांश नए लाभार्थी इस योजना से अनजान थे या इस योजना में शामिल नहीं हो रहे थे.