पितृ पर्वत पर यज्ञशाला की परिक्रमा के लिए उमड़ रहा भक्त, पढ़े पूरी खबर

पितृ पर्वत स्थित हनुमंत धाम पर चल रहे शिवशक्ति महायज्ञ में अब तक 11 लाख से अधिक आहुतियां समर्पित की जा चुकी हैं। महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के मार्गदर्शन में यहां प्रतिदिन देवताओं को प्रिय व्यंजनों से 200 से अधिक साधकों द्वारा 25 कुंडों पर आहुतियां दी जा रही हैं। आज अन्य समिधा के साथ प्रत्येक कुंड पर पान के 1100 बीड़े भी समर्पित किए गए। यज्ञ अवधि में कुल 27 हजार पान के बीड़े समर्पित किए जाएंगे। शनिवार को शाम 7 बजे से पं. राजेश मिश्रा एवं साथियों द्वारा सुंदरकांड के पाठ में 1100 भक्त शामिल होंगे।

यज्ञशाला में चारों दिशाओं में कुल 14 मंडल स्थापित किए गए हैं। सुबह गणेश पूजन, स्थापित देवताओं के पूजन, कुंड पूजन और अग्नि पूजन के बाद ब्रह्मलीन स्वामी गिरिजानंद सरस्वती के चित्र का पूजन किया गया। ब्रह्मचारी आचार्य पं. प्रशांत, पं. आदर्श शर्मा, श्री श्रीविद्याधाम के आचार्य पं. राजेश शर्मा सहित यज्ञ करा रहे ब्राह्मणों एवं विद्वानों का पूजन भी हुआ। गृहशांति होम, सांगोपांग दुर्गा सप्तशती, ललिता सहस्त्रनाम, खड़गमाला त्रिशती हवन के बाद रूद्राष्टाध्याय द्वारा स्वाहाकार का क्रम शुरू हुआ। संध्या को यज्ञनारायण की आरती में सभी विद्वानों, साधकों एवं भक्तों ने भाग लिया। पितृ पर्वत स्थित हनुमंत धाम की आरती में भी प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु भाग ले रहे हैं।

महायज्ञ में साधकों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। ललिता सहस्त्रनाम से दी जा रही आहुतियों में अन्य सामग्री के साथ माल-पुए और खीरान के अलावा प्रतिदिन पंचमेवा, त्रिमधु, पान, कमलगट्टा एवं अन्य सुगंधित पदार्थों की आहुतियां दी जा रही हैं। करीब 30 कार्यकर्ता हवन सामग्री को तैयार करने में प्रतिदिन जुट रहे हैं। यज्ञ देवता के दर्शनार्थ वृंदावन, देहरादून, ओंकारेश्वर, उज्जैन एवं आसपास के अन्य तीर्थ स्थलों के संत भी प्रतिदिन आ रहे हैं। संध्या के समय यज्ञशाला की परिक्रमा करने वाले आए रहे है। महायज्ञ प्रतिदिन सुबह 9 से 12 और दोपहर 3 से 6 बजे तक हो रहा है।

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